सौ दिवसीय सघन टीबी उन्मूलन अभियान में सीएचओ की अहम भूमिका!
सीएचओ और आशा कार्यकर्ताओं को कम से कम 12 चिन्हित उच्च जोखिम युक्त व्यक्तियों को आयुष्मान आरोग्य मंदिर के माध्यम से जागरूक करने की जिम्मेदारी: सीडीओ
निदान और उपचार सहित कई अन्य सेवाओं को मजबूत करना ही सौ दिवसीय टीबी उन्मूलन अभियान का मुख्य उद्देश्य: सिविल सर्जन
सिवान (बिहार): राष्ट्रीय क्षय (टीबी) उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सिवान सहित राज्य के 10 जिलों में 100 दिवसीय सघन टीबी उन्मूलन अभियान अनवरत चल रहा है। संचारी रोग पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत ने पत्र जारी कर दसों जिले के सिविल सर्जन को आवश्यक दिशा- निर्देश देते हुए कहा है कि अब प्राथमिकता के आधार पर 14 दिनों में सभी उच्च जोखिमयुक्त समूहों में टीबी स्क्रीनिंग और जांच करना सुनिश्चित किया जाए। क्योंकि स्क्रीनिंग के साथ साथ ट्रूनेट और सीबी- नेट जांच के लिए अगले 14 दिनों का प्रखण्डवार लक्ष्य निर्धारित करते हुए जिले के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, वरीय यक्ष्मा पर्यवेक्षक (एसटीएस), वरीय टीबी (क्षय) रोग प्रयोगशाला पर्यवेक्षक, प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक (बीएचएम) और प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक (बीसीएम) प्रतिदिन आशा कार्यकर्ताओं का आवंटित क्षेत्र के कम से कम 12 चिन्हित उच्च जोखिम युक्त व्यक्तियों को आयुष्मान आरोग्य मंदिर में सी- बैक फार्म भर कर जागरूक करने तथा सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) द्वारा प्रतिदिन 100 उच्च जोखिम युक्त व्यक्तियों में टीबी स्क्रीनिंग कर निक्षय पोर्टल पर अपलोड कर जांच के लिए निर्देश दिया गया है।
सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि जिले में टीबी जैसी बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए स्वास्थ्य विभाग और जिला यक्ष्मा केंद्र द्वारा संयुक्त रूप से अपने अथक प्रयास से काफी हद तक काम किया है। लेकिन इसके बावजूद सौ दिन कार्यक्रम के दौरान अधिक से अधिक लोगों का जांच और स्क्रीनिंग किया जाए इसके लिए भी प्रयासों को तेज कर दिया गया है। क्योंकि सौ दिवसीय टीबी उन्मूलन अभियान का मुख्य उद्देश्य निदान और उपचार सहित कई अन्य सेवाओं को मजबूत करना है, लेकिन सबसे अहम बात यह है कि समाज के निचले तबके के लोगों पर विशेष रूप से ध्यान देना है। हालांकि इसमें सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों सहित समाज या शिक्षा से वंचित के अलावा हाशिए पर रहने वाले समुदाय और मधुमेह, एचआईवी और कुपोषण जैसी सह- रुग्णता वाले व्यक्तियों को शामिल किया गया हैं।
जिला योजना समन्वयक (डीपीसी) दीपक कुमार ने बताया कि
राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान में संभावित टीबी रोगियों की पहचान (स्क्रीनिंग), जांच, उपचार, निक्षय पोषण योजना और निक्षय मित्र के माध्यम से पोषण किट का आपूर्ति सहित नियमित कार्यो में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) एवं आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका को अपने स्तर से सभी प्रखंडों को निर्देशित किया गया है कि इन 14 दिनों में अधिक से अधिक टीबी मरीजों की पहचान और जांच के अलावा अन्य अभी कार्यों को शत प्रतिशत पूरा किया जाना चाहिए। क्योंकि टीबी एक गंभीर संचारी रोग है। जिसका जांच और उपचार समय पर नहीं किया जाए तो एक दूसरे से संक्रमण बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। अगर किसी व्यक्ति को लगातार दो सप्ताह से ज्यादा खांसी, बुखार या बलग़म में खून का आना, वजन में कमी, भूख नहीं लगने की शिकायत हो तो स्वास्थ्य केंद्र जाकर अपनी जांच कराना चाहिए। ताकि समय रहते उसका इलाज किया जा सके।
जिला टीबी एड्स समन्यवक (डीपीएस) शैलेंदु कुमार ने बताया कि मरीज के निःशुल्क उपचार के साथ ही पौष्टिक आहार खाने के लिए एक हजार रुपये की धनराशि सहायता के लिए दी जाती है। टीबी से वंचित रोगियों को खोजने, टीबी से होने वाली टीबी मरीजों की मृत्यु दर को कम करने और टीबी से नए व्यक्तियों को संक्रमित न होने देने के प्रयासों में तेजी लाने के उद्देश्य से सौ दिवसीय अभियान की शुरूआत की गयी है। हालांकि टीबी होने पर पहचान के निम्न लक्षण जैसे - फेफड़ों में टीबी की पहचान, दो सप्ताह से अधिक समय तक लगातार खांसी रहना, बलगम के साथ खून आना, वजन बहुत कम होना। रात में पसीना आना, एक दिन में दो बार या कई दिनों तक लगातार बुखार रहना, भूख नहीं लगना व हर समय थकान लगना, स्पाइन में टीबी होने पर कमर में दर्द का होना, किडनी में टीबी होने पर पेशाब में रक्त का आना मुख्य है।
टीबी बीमारी से बचाव के उपाय:
तीन सप्ताह से अधिक समय तक लगातार खांसी होने पर डॉक्टरों से जांच कराएं।
संतुलित और पौष्टिक भोजन खाएं।
नियमित व्यायाम करें।
धूम्रपान और नशीली दवाओं का सेवन न करें।
साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें।
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से सुरक्षित रहें।
गंदगी वाले स्थलों में जाने पर मास्क का उपयोग करें।
नवजात शिशुओं को बीसीजी का वैक्सीन जरूर लगवाएं।