मानसून 2025: समय पर दस्तक, लेकिन अब तक सामान्य से कम बारिश, कई राज्यों में चिंता!
नई दिल्ली। 24 जून 2025
देश भर में मानसून ने तय समय पर दस्तक तो दी है, लेकिन अब तक की बारिश सामान्य से कम दर्ज की गई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, इस वर्ष मानसून की शुरुआत केरल में 30 मई को हुई, जो सामान्य तिथि से दो दिन पहले थी। इसके बाद यह महाराष्ट्र, तेलंगाना, ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल होते हुए पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत में फैल चुका है।
देश में अब तक 20% कम बारिश
मौसम विभाग की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल 1 जून से 23 जून तक पूरे देश में औसतन 20% कम वर्षा दर्ज की गई है। जहां उत्तर भारत के कई हिस्सों में अच्छी वर्षा हुई है, वहीं पूर्वोत्तर और मध्य भारत के कुछ क्षेत्रों में अब तक मानसून कमजोर रहा है। बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में विशेषकर कम वर्षा चिंता का विषय बन रही है।
खेती पर पड़ रहा असर
कम बारिश का सीधा असर खरीफ फसल की बुवाई पर देखा जा रहा है। धान, मक्का, अरहर और मूंग जैसी फसलों की बुवाई अभी कई राज्यों में शुरू नहीं हो सकी है या धीमी गति से चल रही है। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अगले दो सप्ताह में मानसून सक्रिय नहीं हुआ तो इसका असर फसल उत्पादन और खाद्य आपूर्ति पर भी दिख सकता है।
बिहार और झारखंड में सूखे जैसे हालात
बिहार और झारखंड में कई जिलों में अभी तक सामान्य से 40% तक कम वर्षा हुई है। किसान मानसून की अनिश्चितता को लेकर चिंतित हैं। राज्य सरकारों ने राहत कार्यों की तैयारी शुरू कर दी है और सिंचाई योजनाओं को सक्रिय करने के निर्देश दिए हैं।
दक्षिण भारत में कुछ राहत
दक्षिण भारत के केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में अच्छी बारिश हुई है जिससे जलाशयों में पानी की स्थिति में सुधार हुआ है। हालांकि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में अभी बारिश की गति धीमी बनी हुई है।
आईएमडी का पूर्वानुमान
भारतीय मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से नमी आने की संभावना है, जिससे पूर्वी और मध्य भारत में मानसून दोबारा सक्रिय हो सकता है। जुलाई के पहले सप्ताह में बारिश की तीव्रता बढ़ने की संभावना जताई गई है।
मानसून की अनिश्चितता इस साल भी देश के अधिकांश हिस्सों को प्रभावित कर रही है। किसानों और सरकारों के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण समय है। अगले कुछ सप्ताह मानसून की दिशा और कृषि पर इसके असर को तय करेंगे।