अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम, मंत्रियों ने सहकारिता को बताया ग्रामीण विकास की रीढ़!
///जगत दर्शन न्यूज
सिवान (बिहार):अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के उपलक्ष्य में सिवान जिले में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर बिहार सरकार के कई मंत्रियों ने शिरकत की और सहकारिता आंदोलन को मजबूती देने के लिए व्यापक विचार-विमर्श किया। कार्यक्रम में सहकारिता से जुड़े विशेषज्ञों, प्रतिनिधियों और कई सहकारी संस्थाओं के पदाधिकारियों ने भाग लिया।
मंत्रियों ने अपने संबोधन में सहकारिता को ग्रामीण और आर्थिक विकास की रीढ़ बताते हुए कहा कि सहकारी संस्थाएं न केवल किसानों, मजदूरों और छोटे उद्यमियों को सशक्त करती हैं, बल्कि सामाजिक समरसता और आर्थिक आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से सहकारी समितियों को और अधिक पारदर्शी, तकनीक-सक्षम और जनोन्मुखी बनाने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं।
कार्यक्रम में सहकारिता क्षेत्र की चुनौतियों, जैसे पारदर्शिता की कमी, प्रबंधन की समस्या और वित्तीय कठिनाइयों पर चर्चा हुई, साथ ही इनका समाधान खोजने पर भी बल दिया गया। विशेषज्ञों ने कहा कि डिजिटल तकनीक, प्रशिक्षण और जागरूकता से सहकारिता आंदोलन को एक नई दिशा दी जा सकती है।
इस आयोजन के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि सहकारिता न केवल एक आर्थिक मॉडल है, बल्कि यह सामाजिक न्याय और सहभागिता का भी प्रतीक है, जो आत्मनिर्भर भारत की नींव बन सकता है।