श्री रामचरितमानस विषय पर ऑनलाइन काव्य गोष्ठी!
प्रेरणा बुड़ाकोटी/ नई दिल्ली
माँ सरस्वती राष्ट्रीय काव्य मंच भारत पर आज रविवार को दोपहर 2:00 बजे से 4:00 बजे तक विषय श्री रामचरितमानस में तनाव मुक्ति पर एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें बड़े-बड़े साहित्यकार श्री नंद किशोर बहुखंडी, डॉ अम्बे कुमारी, उर्मिला कुमारी, श्री रमेश कुमार द्विवेदी चंचल, डॉ अर्चना पाण्डेय, डॉ ब्रजेन्द्र नारायण द्विवेदी, नीरजा वर्मा, डॉ महेश तिवारी, मंजूषा दुग्गल, डॉ शरद नारायण खरे, डॉ नताशा कुशवाहा, मनीषा नामदेव, ललिता कुशवाहा, श्री पुहुप राम यदु, कविता नामदेव, परिणीता सिन्हा स्वयंसिद्धा, माला सिंह और मंच के संस्थापक श्री महेश प्रसाद शर्मा उपस्थित रहे। सभी ने अपनी विचारों की प्रस्तुति देकर कार्यक्रम के विषय का सार समझाया। राम चरित मानस ने सिखाया कि प्रत्येक व्यक्ति केवल अपने अनुभवों से ही सीख सकता है। भगवान राम की जीवन यात्रा से हमें यह समझ आता है कि व्यक्ति कठिनाइयों पर विजय पाकर और अपनी गलतियों से सीखकर ही आगे बढ़ सकता है। माता-पिता को अपने बच्चों को अपने रास्ते पर चलने और स्वयं निर्णय लेने की अनुमति देनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि रामचरितमानस का नियमित पाठ करने से भगवान राम और माता सीता की कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा, यह भी माना जाता है कि इसकी मदद से साधकों के लिए मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है। यह संपूर्ण मानव समुदाय को बाधाओं के बावजूद जीना सिखाता है। भगवान श्री राम सर्वशक्तिमान होते हुए भी सर्वोत्कृष्ट हैं। गोस्वामी जी ने चौपाइयों, चौपाइयों और छंदों के माध्यम से रामचरित का अनूठे ढंग से वर्णन किया है। रामचरितमानस का जाप करने से जन्म-जन्मांतर के अनेक पापों, भय, रोगों आदि से छुटकारा मिल जाता है। कहा जाता है कि “रामचरितमानस” की चौपाइयां इतनी प्रभावशाली हैं कि जो लोग धन की इच्छा रखते हैं, वे इसका जाप करने मात्र से ही धन प्राप्त कर सकते हैं।