पेशेंट स्टेक होल्डर प्लेटफार्म के सदस्यों के कार्यों की डीएमओ ने की समीक्षा!
फाइलेरिया मुक्त समाज की परिकल्पना को साकार करने में पेशेंट स्टेक होल्डर प्लेटफार्म के सदस्यों की भूमिका महत्वपूर्ण: डॉ सुषमा
•गोपालगंज के विजयीपुर और उचकागांव में बनाया गया है 7 पीएसपी प्लेटफार्म!
•डेंगू दिवस पर भी किया गया जागरूकता कार्यक्रम!
गोपालगंज (बिहार): फाइलेरिया उन्मूलन समाज की परिकल्पना को साकार करने में पेशेंट स्टेक होल्डर के सदस्यों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। उक्त बातें जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉक्टर सुषमा शरण ने पेशेंट स्टेक होल्डर सदस्यों के कार्यों की समीक्षा बैठक करते हुए कही। उन्होंने कहा कि पेशेंट स्टेट होल्डर के सदस्य फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में "संदेश वाहक" की भूमिका निभा रहे हैं।
बैठक में सीफार की जिला प्रतिनिधि नेहा कुमारी द्वारा पीपीटी के माध्यम से पीएसपी के कार्यों की उपलब्धियों को प्रस्तुत किया गया। उन्होंने बताया कि गोपालगंज जिले में पीएसपी की प्रक्रिया अक्टूबर 2024 के अंतिम सप्ताह से प्रारंभ हुई थी। आरंभ में जिला स्वास्थ्य पदाधिकारी सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ परिचर्चा कर रोगी हितधारक मंच की अवधारणा साझा की गई। इस मौके पर पीएसपी के सदस्यों ने अपने अनुभवों को साझा किया। जिसमें मुखिया संदीप यादव, ग्रामीण चिकित्सक अनिल कुमार सहित कई सदस्यों ने अपने अनुभव को साझा किया।
इन प्रखंडों में हुआ गठन:
रोग हितधारक मंच का गठन उचकागांव एवं विजयीपुर प्रखंडों के चयनित पाँच-पाँच आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्रों के अंतर्गत किया गया।
• उचकागांव: नारायणपुर, परसौनी, बलेसर मंदिर, तुस्वा
• विजयीपुर: अहियापुर, छितौना, मझवलिया, बंजरिया, बेदौरा
इनमें से नारायणपुर, परसौनी, बलेसर, अहियापुर, छितौना, मझवलिया और बंजरिया में PSP का गठन पूर्ण हो चुका है। प्रत्येक पीएसपी का गठन सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी के नेतृत्व में और स्थानीय मुखिया की अध्यक्षता में किया गया, जिसमें पंचायत प्रतिनिधि, शिक्षक, विकास मित्र, आंगनबाड़ी सेविका, ग्रामीण चिकित्सक एवं जनवितरण प्रणाली से जुड़े लोग शामिल हैं।
पेशेंट स्टेक होल्डर प्लेटफार्म का उद्देश्य:
पेशेंट स्टेक होल्डर प्लेटफार्म का मूल उद्देश्य स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर समुदाय के साथ नियमित संवाद स्थापित करना है ताकि आमजन में स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाई जा सके। माहवार बैठकों के माध्यम से सीएचओ द्वारा समुदाय से प्राप्त समस्याओं को चिन्हित कर नाइट ब्लड सर्वे स्तर पर साझा किया जाता है, तत्पश्चात उन्हें संबंधित जनप्रतिनिधियों के माध्यम से समाधान हेतु अग्रसारित किया जाता है।
एमडीए अभियान में उल्लेखनीय योगदान:
मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन अभियान के दौरान अहियापुर एवं छितौना में पीएसपी सदस्यों ने विशेष रूप से उन 133 परिवारों को चिन्हित कर दवा खिलाई जिन्होंने पहले चरण में दवा लेने से परहेज किया था। इन क्षेत्रों में आयुष्मान मंदिर क्षेत्र के सहयोग से पूर्व भ्रमण कर सामुदायिक जागरूकता अभियान भी चलाया गया, जिससे कि आशाओं के साथ बेहतर समन्वय स्थापित किया जा सके। पीएसपी सदस्यों ने ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर (DA) टीम के साथ मिलकर घर-घर जाकर दवा वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सामुदायिक भ्रमण और संवाद के माध्यम से उन्होंने दवा सेवन के प्रति फैली भ्रांतियों को दूर किया।
फाइलेरिया मुक्त समाज की दिशा में एक सशक्त कदम:
डीएमओ डॉ. सुषमा शरण ने बताया कि इस समीक्षा बैठक से यह स्पष्ट होता है कि रोगी हितधारक मंच न केवल स्वास्थ्य प्रणाली का एक सशक्त स्तंभ बनकर उभरा है, बल्कि यह मंच समुदाय और स्वास्थ्य विभाग के बीच एक मजबूत पुल की तरह कार्य कर रहा है। डॉ. सुषमा शरण ने इस मंच की भूमिका की सराहना करते हुए इसे फाइलेरिया मुक्त समाज की दिशा में एक सशक्त कदम बताया।
डेंगू दिवस पर किया गया जागरूक:
इस दौरान जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी के द्वारा राष्ट्रीय डेंगू दिवस के मौके पर सीएचओ और पीएसपी के सदस्यों को डेंगू से बचाव, लक्षण और उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी तथा अपने-अपने क्षेत्र में जागरूकता फैलाने का संकल्प दिलाया गया। पदाधिकारी ने डेंगू के लक्षण, बचाव के उपाय और उपचार की प्रक्रिया पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि डेंगू एक मच्छर जनित रोग है, जो एडीज मच्छर के काटने से होता है। इससे बचाव के लिए साफ-सफाई रखना, पानी को जमा न होने देना और पूर्ण आस्तीन के कपड़े पहनना आवश्यक है। कार्यक्रम के अंत में सभी स्वास्थ्यकर्मियों को अपने-अपने क्षेत्र में जाकर डेंगू के प्रति लोगों को जागरूक करने तथा इससे बचाव के लिए सामूहिक प्रयास करने का संकल्प दिलाया गया। उन्होंने जोर देकर कहा कि डेंगू से बचाव जागरूकता से ही संभव है और इसके लिए स्वास्थ्यकर्मियों की भूमिका अत्यंत अहम है। इस मौके पर डीएमओ डॉ. सुषमा शरण, जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार अमित कुमार, वीडीसीओ प्रशांत कुमार, राजेश कुमार, विपिन कुमार, सीफार के राज्य कार्यक्रम प्रबंधक रणविजय कुमार, राज्य समन्वयक डॉ. श्याम मिश्रा, प्रमंडलीय कार्यक्रम समन्वयक गनपत आर्यन, धमेंद्र रास्तोगी, नेहा कुमारी, मनिष कुमार, अमित कुमार सिंह समेत अन्य मौजूद थे।