गोपालगंज के 8 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को मिला राज्य स्तरीय एनक्यूएएस प्रमाण-पत्र!
• राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के तहत हुआ प्रमाणित
• अब नेशनल प्रमाणीकरण को लेकर तैयारी
• स्वास्थ्य केंद्रों उपलब्ध सुविधाओं के आधार होती है रैंकिंग
गोपालगंज (बिहार): सुदुर ग्रामीण इलाके के लोगों को घर के पास हीं उच्च गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना सरकार के प्राथमिकताओं में शामिल है। जिले में आयुष्मान आरोग्य मंदिर (हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर) पर मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही है। स्वास्थ्य सेवाओं के गुणवत्ता में सुधार के लिए राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के तहत प्रमाणीकरण किया जा रहा है। इसी कड़ी में गोपालगंज जिले के 8 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों (हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर) को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के तहत राज्यस्तरीय प्रमाणीकरण किया गया है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों को 70 प्रतिशत से अधिक अंक मिले है।
कई मानकों पर विशेषज्ञ टीम करती है मूल्यांकन:
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम धीरज कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान करने के लिए विशेषज्ञों की टीम द्वारा आयुष्मान आरोग्य मंदिर की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का विभिन्न मानकों पर मूल्यांकन किया जाता है। इनमें उपलब्ध सेवाएँ, मरीजों के अधिकार, इनपुट, सपोर्ट सर्विसेस, क्लिनिकल सर्विसेस, इन्फेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन और आउटकम जैसे पैरामीटर शामिल हैं। प्रमाणीकरण के लिए कम से कम 70 प्रतिशत अंक अनिवार्य होता है। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले आयुष्मान आरोग्य मंदिर को ही गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जारी किये जाते हैं।
इन स्वास्थ्य केंद्रों का हुआ प्रमाणीकरण
जिला प्रखंड एचडब्ल्यूसी का नाम स्कोर
गोपलगंज बैकुंठपुर राजापट्टी 73
गोपलगंज बरौली सरेया नरेन्द्र गोपलगंज 72
गोपलगंज हथुआ बरैपट्टी 73
गोपलगंज कटैया सोहनरिया 73
गोपलगंज मांझा अमैठी 74
गोपलगंज फुलवरिया गणेश स्थान मांझा 72
गोपलगंज थावे भेड़िया 74
गोपलगंज उचकागांव दहीभट्टा 73
स्वास्थ्य सेवाओं को वैश्विक सर्वोत्तम मानकों के अनुरूप ढालना एनक्यूएएस का उद्देश्य:
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीसी जयंत चौहान ने बताया कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक का उद्देश्य सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को वैश्विक सर्वोत्तम मानकों के अनुरूप ढालना है। इसके तहत स्वास्थ्य केंद्रों के लिए पूर्व निर्धारित मानकों के आधार पर मूल्यांकन किया जाता है। इन मानकों में साफ-सफाई, मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं, उपकरणों की स्थिति, उपचार की प्रक्रिया और रोगियों की संतुष्टि शामिल हैं। साथ ही, मानक संचालन प्रक्रियाओं और प्रोटोकॉल के पालन की भी जांच की जाती है। एनक्वास का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य केंद्रों को अपनी गुणवत्ता का आकलन करने और उसे सुधारने के लिए प्रेरित करना है, ताकि नागरिकों को उच्चतम स्तर की चिकित्सा सेवाएं मिल सकें।
नेशनल सर्टिफिकेट के लिए सक्षम पोर्टल के माध्यम से अप्लाई:
सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि जिले के 8 आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एचडब्ल्यूसी) अब रज्य स्तर से एनक्वास प्रमाणित हो गया है। खुशी की बात है। इसमें सभी स्वास्थ्यकर्मियों का योगदान महत्वपूर्ण है। राज्य स्तरीय सर्टिफिकेट होने के बाद नेशनल सर्टिफिकेट के लिए सक्षम पोर्टल के माध्यम से अप्लाई किया जाएगा। केंद्रीय टीम की ओर से वर्चुअल या फिजिकल मोड में असेसमेंट किया जाएगा। 70% से ऊपर स्कोर मिलने पर नेशनल सर्टिफिकेट मिलेगा। इसके बाद प्रतिवर्ष इस हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर को 1.26 लाख रुपए की राशि दी जाएगी जिसे एचडब्ल्यूसी के उन्नयन में खर्च किया जाएगा।