प्रधानाध्यापकों को मध्याह्न भोजन योजना के संचालन से मिलेगी मुक्ति, 10 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू!
पटना (बिहार): बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने मध्याह्न भोजन योजना के बेहतर संचालन एवं विद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाने के उद्देश्य से एक अहम फैसला लिया है। राज्य के 10 जिलों में ‘मध्याह्न भोजन पायलट प्रोजेक्ट’ के तहत अब प्रधानाध्यापक/प्रधान शिक्षक को इस योजना के संचालन से मुक्त कर दिया जाएगा। इसके स्थान पर नामित शिक्षकों को मध्याह्न भोजन प्रभारी बनाया जाएगा।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस.एम. सिद्दिकी द्वारा जारी आदेश के अनुसार, यह व्यवस्था 13 मई 2025 से 13 जून 2025 तक लागू रहेगी और इसकी समांतर मूल्यांकन प्रक्रिया भी की जाएगी। इसका उद्देश्य यह है कि प्रधानाध्यापक पूरी तरह से विद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित कर सकें और योजना का संचालन सुचारु रूप से हो।
मुख्य बिंदु:
प्रत्येक विद्यालय में एक मध्याह्न भोजन प्रभारी शिक्षक नियुक्त किया जाएगा।
प्रभारी शिक्षक को प्रतिदिन तीन घंटे का अतिरिक्त कार्यभार देकर योजना का संचालन करवाया जाएगा।
भोजन वितरण से संबंधित रिपोर्ट एवं डेटा अपलोड की जिम्मेदारी प्रभारी शिक्षक की होगी।
विद्यालय शिक्षा समिति की भूमिका भी सुनिश्चित की जाएगी ताकि संचालन में पारदर्शिता बनी रहे।
पायलट जिलों में परियोजना के प्रभाव का मूल्यांकन किया जाएगा।
इस योजना से प्रधानाध्यापक को प्रशासनिक कार्यों से राहत मिलने की उम्मीद है, जिससे वे पूरी तरह से शिक्षण कार्य में संलग्न रह सकेंगे। शिक्षा विभाग का मानना है कि इससे शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार आएगा और मध्याह्न भोजन योजना भी प्रभावी ढंग से संचालित होगी।