गौग्राम जनजागरण यात्रा की तैयारियों को लेकर वृहद बैठक!
प्रेरणा बुड़ाकोटी/ नई दिल्ली
गौग्राम जनजागरण यात्रा 2025" की तैयारियों को लेकर वृहद बैठक सम्पन्न, 40 ग्रामों से गुजरेगी यात्रा
चांपा, 17 अप्रैल 2025। गौसेवा आयोग के निर्देशन और गणेश दामोदर बापट गौशाला कुष्ठ आश्रम कात्रेनगर के तत्वावधान में आयोजित होने वाली ऐतिहासिक "गौग्राम जनजागरण यात्रा 2025" की रूपरेखा को अंतिम रूप देने हेतु आज एक वृहद बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक कुष्ठ आश्रम परिसर, कात्रेनगर में दोपहर 3:00 बजे प्रारंभ हुई, जिसमें बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, गौसेवकों एवं युवाओं ने भाग लिया।
गौसेवा को जनांदोलन बनाने की पहल
बैठक में निर्णय लिया गया कि यह यात्रा दिनांक 7 मई 2025 से 12 मई 2025 तक आयोजित की जाएगी, जिसमें कुल 50 गांवों का भ्रमण कर गौसेवा, आत्मनिर्भर गौग्राम, स्वदेशी विचार और भारतीय सांस्कृतिक चेतना का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। यात्रा का नेतृत्व गौमाता की प्रतिकृति युक्त विशेष वाहन करेगा, जिसके साथ-साथ प्रतिदिन गौ आरती, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, ग्रामजन संवाद और ग्रामवासियों की सहभागिता से जनजागरण किया जाएगा। यात्रा का उद्देश्य बैठक में वक्ताओं ने कहा कि यह यात्रा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक, सामाजिक और स्वदेशी चेतना को पुनर्जीवित करने का महाअभियान है। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों को "गौ आधारित आत्मनिर्भर ग्राम" के रूप में विकसित करने की दिशा में जनमत तैयार करना है। यात्रा के माध्यम से गौमाता की महिमा, ग्राम्य स्वावलंबन, भारतीय संस्कृति और स्वदेशी उत्पादों के प्रयोग प्रोत्साहित किया जाएगा।
बैठक में उपस्थित प्रमुखजन श्री सुधीर देव, श्री लोमस भाईसाब, सांसद कमलेश जांगड़े (जांजगीर-चांपा), रामप्रकाश केशरवानी, श्री गगन जयपुरिया (उपाध्यक्ष जिला पंचायत), घनश्याम तिवारी, श्रीमती मोहन साहू, सुश्री आशा साव, रोहित चंद्रा, नरेंद्र जायसवाल, सोनू जायसवाल, जयंती सिंह क्षत्रि, उषा राठौर, रघुनाथ बरेठ, गजाधर श्रीवास, मनहरण चंद्रा, सुनील अवस्थी, अजय सराफ, शिवचरण कश्यप, रामकुमार श्रीवास, दिनेश साहू, जितेंद्र श्रीवास, कपिल कश्यप, ललित देवांगन, टेकराम यादव, समीर भाई एवं गणेश साहू सहित अनेक सामाजिक कार्यकर्ता, जनप्रतिनिधि व स्वयंसेवक उपस्थित रहे। समापन संदेश, बैठक के अंत में सभी उपस्थितजनों ने यात्रा को सफल बनाने हेतु अपनी जिम्मेदारियाँ स्वीकार करते हुए जनसंपर्क, प्रचार-प्रसार, वाहनों की व्यवस्था, सांस्कृतिक दलों, भोजन एवं ठहराव आदि की जिम्मेदारियाँ बांटीं। सभी ने यह संकल्प लिया कि यह यात्रा क्षेत्र में गौ चेतना और सांस्कृतिक नवजागरण का नया युग प्रारंभ करेगी।