गुरुग्राम में उर्वरक प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन अभ्यास पर चार दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ!
प्रेरणा बुड़ाकोटी, नई दिल्ली | 22 अप्रैल 2025
दिल्ली एनसीआर: गुरुग्राम स्थित भारतीय कृषि सहकारी संघ (IFFCO) के फर्टिलाइज़र विपणन विकास संस्थान (FMDI) में आज “उर्वरक प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन अभ्यास” विषय पर चार दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। यह प्रशिक्षण सहकार भारती के अधिकारियों के लिए आयोजित किया गया है, जो 22 अप्रैल से 25 अप्रैल 2025 तक चलेगा। इसमें देश के विभिन्न हिस्सों से सहकारी क्षेत्र से जुड़े प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।
प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 6:30 बजे योग सत्र से हुई, जिसका संचालन योग विशेषज्ञ श्री आर. के. झा ने किया। इसके पश्चात प्रतिभागियों का पंजीकरण हुआ और स्वागत नाश्ता प्रदान किया गया। उद्घाटन सत्र में एफएमडीआई के डीजीएम प्रशिक्षण डॉ. आर. पी. एस. यादव, विपणन सेवाओं के डीजीएम श्री रजनीश पांडे, मुख्य विपणन निदेशक श्री योगेन्द्र कुमार और सहकार भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री संजय जी ने सहभागियों को संबोधित किया। उद्घाटन सत्र का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसे श्री शुभम बैस (JFR, FMDI) ने प्रस्तुत किया।
दिनभर के तकनीकी सत्रों में उर्वरक तकनीक, जैव उत्पाद, बायो-स्टिमुलेंट्स, बायो-डीकंपोज़र और नैनो उर्वरकों जैसे अत्याधुनिक विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। इन सत्रों को संबोधित करने वाले विशेषज्ञों में डॉ. विनोद कुमार शर्मा (आईएआरआई, नई दिल्ली), श्रीमती तनमये सेठ (निदेशक, एपीपीएल), श्री उपेन्द्र कुमार (एफआर, IFFCO) और डॉ. तरुणेन्दु सिंह (मुख्य कृषि अधिकारी, IFFCO) शामिल रहे।
इस प्रशिक्षण में छत्तीसगढ़ से सहकार भारती के प्रदेश कोषाध्यक्ष श्री रामप्रकाश केशरवानी और पैक्स प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक श्री घनश्याम तिवारी की उपस्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय रही। दोनों प्रतिनिधियों ने छत्तीसगढ़ राज्य में सहकारी समितियों की उपलब्धियों, चुनौतियों और नवाचारों को अन्य राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ साझा किया, जिससे विचारों का गहन आदान-प्रदान संभव हो सका। इस संवाद से सहयोग की नई संभावनाएं भी सामने आईं।
छत्तीसगढ़ की इस सहभागिता ने राज्य में गर्व और उत्साह की भावना को जन्म दिया है। यह उपस्थिति न केवल सहकारी समितियों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी, बल्कि ग्राम्य विकास और कृषि उन्नति को भी नई दिशा प्रदान करेगी।