सारण में निर्माणाधीन है पाँच मंजिला भवन निर्माण अत्याधुनिक मॉल, ग्रामीण इलाकों के लिए बनेगा वरदान!
सारण (बिहार) संवाददाता मनोज कुमार सिंह: सारण जिले में एक अनूठा और अभूतपूर्व निर्माण प्रोजेक्ट इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है। छपरा-सिवान मुख्य मार्ग पर बनवार रेल ओवरब्रिज के समीप, पाँच एकड़ भूखंड पर लगभग दस करोड़ रुपये की लागत से एक पाँच मंजिला आधुनिक मॉल का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। यह मॉल खासतौर पर भवन निर्माण से जुड़ी समस्त सामग्री को एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बनाया जा रहा है, जिससे ग्राहकों को एक ही स्थान पर संपूर्ण समाधान मिल सकेगा।
इस महत्वाकांक्षी परियोजना का नेतृत्व माँझी प्रखंड के सोनिया गाँव निवासी एवं कृष्णा इंडस्ट्रीज के संचालक अनिल कुमार सिंह कर रहे हैं, जो एक उत्साही और दूरदर्शी युवा व्यवसायी के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने बताया कि इस मॉल का शुभारंभ जुलाई 2025 में करने का लक्ष्य रखा गया है, और इस पर दिन-रात दर्जनों मजदूर मेहनत कर रहे हैं ताकि तय समय सीमा के भीतर कार्य पूरा हो सके।
ग्रामीण परिवेश के लिए क्रांतिकारी पहल
अनिल कुमार सिंह ने बताया कि यह मॉल सारण प्रमंडल ही नहीं, बल्कि पूरे बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक नवीन प्रयोग के तौर पर स्थापित किया जा रहा है। गाँवों में पल-पल बदलते सामाजिक और भौतिक परिवेश के बीच, यह मॉल न केवल लोगों की ज़रूरतें पूरी करेगा, बल्कि उनके जीवन को भी आसान बनाएगा। निर्माण से जुड़ी सामग्री खरीदने के लिए अब ग्राहकों को अलग-अलग दुकानों के चक्कर नहीं लगाने होंगे, जिससे उन्हें समय, श्रम और पैसे — तीनों की बचत होगी।
ऑनलाइन सेवाएँ और विदेशों में रहने वालों के लिए विशेष सुविधा
इस परियोजना की एक विशेषता यह भी होगी कि देश-विदेश में रह रहे लोग भी ऑनलाइन माध्यम से अपने गृह निर्माण से जुड़ी ज़रूरतों को पूरा कर सकेंगे। मॉल में ऑनलाइन ग्राहकों के लिए विशेष काउंटर बनाया जाएगा, जहाँ से उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति की जाएगी। ग्राहक ऑनलाइन पेमेंट कर अपने सपनों का घर बनवाने की प्रक्रिया को सरलता से आगे बढ़ा सकेंगे।
रोजगार सृजन का बड़ा माध्यम
अनिल सिंह ने बताया कि यह मॉल प्रत्यक्ष रूप से 500 से 1000 स्थानीय युवाओं को रोजगार प्रदान करेगा। इससे न केवल बेरोजगारी की समस्या में कमी आएगी, बल्कि गाँव के युवाओं को अपने ही क्षेत्र में काम करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस मॉल में ईंट, सीमेंट, गिट्टी, बालू, स्टील, टाइल्स, मार्बल, लकड़ी, फाइबर, शीशा और कर्कट जैसी सभी आवश्यक सामग्रियाँ उपलब्ध रहेंगी।
घरों का नक्शा, निर्माण और हस्तांतरण की भी होगी सुविधा
इस मॉल की खासियत यह भी होगी कि ग्राहक यहाँ अपने घर का नक्शा बनवाने से लेकर निर्माण और अंतिम हस्तांतरण तक की प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे। खासकर वे लोग जो विदेशों में रह रहे हैं और गाँव में अपने सपनों का घर बनवाना चाहते हैं, उनके लिए यह मॉल एक बेहतरीन प्लेटफॉर्म साबित होगा।
गुजरात के मोरबी मॉडल पर आधारित
श्री सिंह ने बताया कि इस मॉल की परिकल्पना गुजरात के मोरबी शहर के एक मॉल से ली गई है, जो भवन निर्माण के क्षेत्र में एक आदर्श मॉडल बन चुका है। उस मॉडल को ध्यान में रखते हुए सारण के सुदूर ग्रामीण इलाके में इस तरह का प्रयोग पहली बार किया जा रहा है।
क्षेत्र में फैली उत्सुकता और उम्मीदें
यह मॉल छपरा शहर से लगभग 15 किलोमीटर पश्चिम में, माँझी, एकमा, जलालपुर और लहलादपुर जैसे प्रखंडों के बीच स्थित है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस नए मॉल को लेकर भारी उत्साह देखा जा रहा है। लोग मानते हैं कि यह मॉल न केवल उनकी जीवनशैली को बदलेगा, बल्कि उन्हें उनके सपनों का घर साकार करने में भी मदद करेगा।
ग्रामीण भारत के परिदृश्य में यह मॉल एक नई सोच, नई दिशा और आत्मनिर्भरता की मिसाल बनकर उभर सकता है। यदि यह प्रयोग सफल रहता है, तो आने वाले समय में अन्य जिलों और राज्यों के लिए भी एक प्रेरणास्रोत बनेगा।