विश्व मलेरिया दिवस पर निकाली गई जागरूकता रैली!
विगत वर्ष जिले के विभिन्न क्षेत्रों से 11 मरीजों की हुई थी पहचान, जबकि इस वर्ष जनवरी से मार्च तक मात्र तीन मलेरिया के रोगियों का हुआ इलाज़:
सिवान (बिहार): मलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो विगत कई वर्षों से लोगों को अपना शिकार बनाती आई है। जिसको लेकर प्रत्येक वर्ष 25 अप्रैल को मलेरिया बीमारी के खिलाफ लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से "विश्व मलेरिया दिवस" मनाया जाता है। क्योंकि भारत ही नही बल्कि पूरे विश्व में लाखों लोग मलेरिया जैसी बीमारी से संक्रमित होते हैं। उक्त बातें सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने सदर अस्पताल परिसर में आयोजित विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर आयोजित जागरूकता रैली के दौरान कही। उन्होंने यह भी कहा कि विश्व मलेरिया दिवस "Malaria Ends with US: Reinvest, Reimagine, Reignate" थीम के तहत संगोष्ठी सह प्रचार प्रसार को लेकर रणनीति बनाई गई। जिस दौरान जिला एवं प्रखंडों स्तर पर संबंधित विभागों, समुदायों एवं वर्ग समूहों के साथ आपसी समन्वय स्थापित कर विश्व मलेरिया दिवस पर विभिन्न प्रकार के माध्यमों से प्रचार- प्रसार करने को लेकर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। क्योंकि जिले में अगले महीने होने वाले मलेरिया माह के दौरान व्यापक रूप से स्वास्थ्य संस्थानों के माध्यम से विभिन्न स्तरों पर जागरूक किया जाना है।
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी (डीवीबीडीसीओ) डॉ ओम प्रकाश लाल ने बताया कि जिले के हसनपुरा प्रखंड अंतर्गत आयुष्मान आरोग्य मंदिर गायघाट में गठित रोगी हितधारक मंच (पीएसपी) सदस्य में सीएचओ अमरजीत हरिजन के नेतृत्व में स्थानीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर स्कूली बच्चों द्वारा प्रभात फेरी निकाली गई। जिस दौरान एएनएम अर्चना कुमारी, आशा कार्यकर्ता पुनिता देवी, नीतू देवी और दुर्गावती देवी, आंगनबाड़ी सेविका मीनू देवी के अलावा फाइलेरिया मरीज धन कुमारी, पूजा देवी और दुर्गा लाल सोनी के साथ- साथ विद्यालय के 14 शिक्षक और 223 बच्चों ने भाग लिया है। इसी तरह से सहुली गांव स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर में गठित पीएसपी सदस्य सह सीएचओ कुमारी प्रीति के सहयोग से राजकीय प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों और छात्र छात्राओं के द्वारा विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर रैली निकाली गई। इस अवसर पर आशा कार्यकर्ता नीतू देवी, विकास मित्र पूनम देवी, समाजसेवी संतोष राम, शिक्षक के अलावा सैकड़ों छात्र उपस्थित रहे।
डीवीबीडीसीओ डॉ ओपी लाल ने बताया कि फेलसीपेरम मलेरिया (दिमागी मलेरिया) की अवस्था में तेज बुखार, खून की कमी, दिमाग पर बुखार का चढ़ जाना, फेफड़े में सूजन की शिकायत के साथ ही पीलिया एवं गुर्दे की खराबी फेलसीपेरम मलेरिया की मुख्य पहचान होती है। हालांकि विगत वर्ष 2024 में केवल 11 मलेरिया के मरीज मिले थे, जिनका सरकारी अस्पताल के चिकित्सको द्वारा उपचार होने के बाद पूरी तरह से ठीक हो गए थे। लेकिन इस वर्ष अभी तक यानि जनवरी से मार्च तक मात्र 03 मलेरिया के मरीज पाए गए है। जिसमें आंदर, जिरादेई और दारौंदा प्रखंड में एक- एक रोगियों की पहचान हुई थी। हालांकि इलाज के बाद अब सभी लोग पूरी तरह से ठीक हो गए हैं। इस दौरान सीडीओ डॉ अशोक कुमार, सदर अस्पताल के अधीक्षक डॉ अनिल कुमार सिंह, जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से डीपीएम विशाल कुमार, सदर अस्पताल के अस्पताल प्रबंधक कमलजीत कुमार, डीवीबीडीसीओ नीरज कुमार सिंह, वीडीसीओ विकास कुमार और कुंदन कुमार और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सिफार) के डीपीसी धर्मेंद्र रस्तोगी सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी मौजूद रहे।