चैत्र नवरात्रि में श्रद्धालुओं की आस्था: सिद्धिदात्री मां अंबिका पूरी कर रही हैं मनोकामनाएं!
सारण (बिहार): चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर सारण जिले के प्रसिद्ध सिद्धपीठ आमी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। सैकड़ों भक्त नवरात्रि व्रत रखकर नियमित दुर्गा पाठ कर रहे हैं। भक्तों की मान्यता है कि मां अंबिका न केवल सिद्धि प्रदान करती हैं, बल्कि उनकी मनोकामनाएं भी पूरी करती हैं।
मंदिर के पुजारी और सेवा निवृत्त शिक्षक शिवकुमार तिवारी उर्फ भोला बाबा ने बताया कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने के कारण वे मंदिर में जाकर पाठ नहीं कर पाते, लेकिन उनकी आत्मा सदैव मां अंबिका में समर्पित रहती है, जिससे उन्हें मानसिक शांति मिलती है। उन्होंने कहा कि मां अंबिका के प्रांगण में पाठ करने वाले को कलश स्थापित करने की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि यहां स्वयं मां साक्षात विराजमान हैं।
अन्य पुजारी गणेश तिवारी उर्फ चुनचुन बाबा ने कहा कि घरों में देवी के आवाहन के लिए कलश रखा जाता है, लेकिन आमी मंदिर में स्वयं मां अंबिका का दिव्य निवास है, इसलिए यहां कलश स्थापित करने की परंपरा नहीं है। हालांकि, अश्विन नवरात्रि की तुलना में चैत्र नवरात्रि में भक्तों की संख्या अपेक्षाकृत कम होती है, जिसका मुख्य कारण गर्मी और तापमान में वृद्धि है। फिर भी, श्रद्धालुओं का आना-जाना और पाठ करने की परंपरा अनवरत बनी रहती है।
छपरा आयुर्वेद कॉलेज के प्रोफेसर और अंबिका मंदिर के पुजारी बिमलेश तिवारी ने कहा कि प्रत्येक सनातनी को चैत्र नवरात्रि के अवसर पर किसी न किसी देवी मंदिर का तीर्थाटन अवश्य करना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। उन्होंने यह भी बताया कि सनातन धर्म में नववर्ष की शुरुआत चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से होती है, जिसे नव दिनों तक विशेष रूप से मनाया जाता है।
मंदिर के एक अन्य पुजारी लक्ष्मीश्वर तिवारी उर्फ मुनचुन बाबा ने कहा कि जो लोग नवरात्रि का संपूर्ण पाठ नहीं कर पाते, वे एक दिन भी पाठ करने वाले के समीप बैठकर मन लगाकर श्रवण करें, तो भी उन्हें विशेष फल की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि यदि आप मां अंबिका के दर्शन के लिए आमी मंदिर जाएं, तो पाठ करने वालों के समीप बैठकर श्रद्धा भाव से पाठ का श्रवण अवश्य करें। नवरात्रि के इस पावन पर्व पर श्रद्धालु पूरे भक्ति भाव से मां अंबिका की आराधना में लीन हैं और उनकी कृपा से मनोकामनाएं पूर्ण होने की आशा कर रहे हैं।