सामयिकी विचार विमर्श
किसानों को सरकार के द्वारा सम्मान निधि क्यों प्रदान की जाती है?
✍️ राजीव कुमार झा
भारत में कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, और किसानों की स्थिति को सुधारने के लिए सरकार समय-समय पर विभिन्न योजनाएँ लागू करती रही है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना इसी प्रयास का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है।
किसान सम्मान निधि का उद्देश्य
सरकार ने यह योजना इस विचार के साथ शुरू की थी कि किसानों को खेती से जुड़े खर्चों के लिए प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता दी जाए। इसके तहत पात्र किसानों को प्रतिवर्ष 6000 रुपये की राशि तीन किस्तों में दी जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारना, उन्हें खेती में पूंजी निवेश के लिए सहायता प्रदान करना और उनकी आजीविका को स्थिर बनाना है।
इस योजना का वास्तविक प्रभाव
हालाँकि सरकार ने इस योजना को किसानों की मदद के लिए लागू किया है, लेकिन इसके क्रियान्वयन को लेकर कई प्रश्न उठाए जाते रहे हैं। यह देखा गया है कि अनेक किसान इस निधि का उपयोग खेती में निवेश करने के बजाय अन्य गैर-आवश्यक कार्यों में कर रहे हैं, जैसे कि व्यक्तिगत खर्चों में वृद्धि।
बड़े किसानों को भी इस योजना का लाभ मिल रहा है, जिससे यह तर्क उठता है कि क्या इस निधि का वास्तविक लाभ सही व्यक्तियों तक पहुँच रहा है। जिन किसानों के पास बड़ी जोत की जमीन है, वे भी इस योजना का लाभ उठा रहे हैं, जबकि खेतों में काम करने वाले भूमिहीन मजदूरों को इस प्रकार की कोई आर्थिक सहायता नहीं दी जा रही।
भूमिहीन किसानों की अनदेखी
भारतीय ग्रामीण समाज में बड़ी संख्या में ऐसे मजदूर हैं, जो खेतों में काम तो करते हैं लेकिन उनके पास अपनी कोई जमीन नहीं होती। वे दिहाड़ी मजदूरी पर निर्भर रहते हैं और कठिन परिस्थितियों में जीवन यापन करते हैं। वर्तमान में सरकार उन्हें किसी प्रकार की सीधी आर्थिक सहायता प्रदान नहीं कर रही, जबकि वे कृषि उत्पादन में अहम भूमिका निभाते हैं। ऐसे में यह आवश्यक है कि सरकार इस योजना का विस्तार करके खेतिहर मजदूरों को भी इसमें शामिल करे।
राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव
यह भी देखा गया है कि बड़े किसान, जो पहले से ही आर्थिक रूप से मजबूत हैं, इस योजना से और समृद्ध हो रहे हैं। वे सरकार के समर्थक बन रहे हैं, जिससे सरकार को राजनीतिक लाभ मिल रहा है। दूसरी ओर, मजदूर वर्ग, जिसे इस प्रकार की किसी भी वित्तीय सहायता से वंचित रखा गया है, सरकार से निराश होता जा रहा है। इससे समाज में असंतोष की भावना उत्पन्न हो रही है।
निष्कर्ष
किसान सम्मान निधि एक महत्वपूर्ण योजना है, लेकिन इसके प्रभावी क्रियान्वयन और लाभार्थियों के सही चयन पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिले, जिन्हें वास्तव में इसकी जरूरत है। साथ ही, खेतिहर मजदूरों को भी इस योजना में शामिल करके उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाने का प्रयास किया जाना चाहिए। इससे समाज में संतुलन बना रहेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।