57 घरों के 169 वंचित योग्य लाभार्थियों को फाइलेरिया रोधी दवाओं का कराया गया सेवन!
उत्तर प्रदेश और बिहार के बीच सरयू नदी में टापू जैसे गांव में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना पहली प्राथमिकता : सिविल सर्जन
सिवान (बिहार): बिहार और उत्तर प्रदेश की सीमा पर अवस्थित दरौली प्रखंड के सैकड़ों घर सरयू नदी के बीचों बीच टापू जैसे होने के कारण हर तरह की सुख सुविधाएं उपलब्ध करने में थोड़ी सी परेशानी होती है, लेकिन सरकार की ओर से दी जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ दिलाना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी होती है। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग और अन्य सहयोगी संस्थाओं के द्वारा हर तरह की बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाती है। फरवरी महीने में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत योग्य लाभार्थियों को दवा खिलाने के बाद 691 यानि मात्र 0. 02 प्रतिशत को उल्टी, चक्कर या अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ा था जबकि दवा सेवन करने से 291 जिलेवासी मतलब 0.01 प्रतिशत ने इनकार किया था। हालांकि स्वास्थ्य विभाग, सहयोगी संस्थाओं में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), पीरामल स्वास्थ्य और हसनपुरा में दो पीएसपी सदस्यों के सहयोग 99. 25 प्रतिशत योग्य लाभार्थियों को दवा खिलाई गई है।
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी (डीवीबीडीसीओ) डॉ ओम प्रकाश लाल ने बताया कि जिला सहित राज्य में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत विगत 10 फरवरी से 28 फरवरी 2025 तक फाइलेरिया जैसे रोग से बचाव के लिए दवा का सेवन कराया गया था। जिसमें 10, 11 और 13 फरवरी 2025 को बूथ लगाकर 518102 यानि 15.05 प्रतिशत लाभार्थियों को दवा सेवन कराया गया था जबकि 14 से 28 तक गृह भ्रमण कर 2823867 यानि 84.05 प्रतिशत को आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा फाइलेरिया रोधी दवा खिलाया जा चुका है। लेकिन कुछ ऐसे क्षेत्र जो पहुंच से दूर होने के कारण दवा सेवन से वंचित रह गए थे। लेकिन दरौली प्रखंड के पचभेनिया पंचायत अंतर्गत मनियर टुकड़ा गांव की पहचान सहयोगी संस्थाओं और विभागीय अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था। जहां कैंप का आयोजन कर शत प्रतिशत फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करा दिया गया है। सबसे अहम बात यह है कि फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के दौरान सिवान जिले में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सिफार) के सहयोग से मीडिया ने अहम भूमिका निभाई है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) दरौली के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ लाल बाबू यादव ने बताया कि बिहार के सिवान जिला और उत्तर प्रदेश के बीच स्थानीय प्रखंड के पचभेनिया पंचायत अंतर्गत मनियर टुकड़ा गांव की पहचान होने के बाद 57 घरों के 169 वंचित योग्य लाभार्थियों को पीरामल स्वास्थ्य के पीओसीडी अमितेश कुमार के नेतृत्व में आशा फेसिलेटर मनोरमा देवी और आशा कार्यकर्ता ज्ञान्ति देवी के द्वारा गृह भ्रमण कर फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को शत प्रतिशत सफल बनाने के उद्वेश्य से दवा का सेवन कराया गया है। हालांकि दरौली प्रखंड के कुल जनसंख्या - 210046 का 178539 योग्य लाभार्थी में 175787 यानि 98 प्रतिशत लाभुकों को फाइलेरिया उन्मूलन अभियान अंतर्गत समय सीमा के अंदर दवा खिलाई गई थी। लेकिन विगत दिनों उक्त गांव में स्वास्थ्य विभाग और पीरामल स्वास्थ्य के द्वारा संयुक्त रूप से स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित कर वहां के निवासियों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई थी। उसी दौरान जानकारी मिली कि कुछ लोग दवा का सेवन नहीं कर पाए हैं। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग और पीरामल स्वास्थ्य के द्वारा कई बार समीक्षात्मक बैठक आयोजित कर वहां के लोगों को प्रेरित और जागरूक किया गया। उसके बाद इतनी बड़ी कामयाबी हासिल हुई है।