अपनी दशा एवं मनोदशा समझ धन कुमारी ने 250 से अधिक स्कूली बच्चों को खिलाई फाइलेरिया रोधी दवा!
सर्वजन दवा सेवन के दौरान कई गांवों में घूम- घूमकर दवा सेवन के लिए ग्रामीणों को कर चुकी हैं जागरूक: सीएचओ
सिवान (बिहार): सात वर्षों से फाइलेरिया बीमारी के कारण पारिवारिक व सामाजिक परेशानी और चुनौतीपूर्ण जीवन से गायघाट निवासी धन कुमारी काफी मायूस थी। इसी दौरान गांव की आशा कार्यकर्ता पुनीता देवी ने समीप के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर सह आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आम) लेकर गई। उक्त सेंटर के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) अमरजीत हरिजन द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं से जोड़ा गया। फाइलेरिया उन्मूलन के बारे में जानकारी दी गयी। अपनी व्यथा दूसरे के साथ न हो इसके लिए धन कुमारी रोगी हितधारक मंच (पीएसपी) से जुड़ गयी।
रोगी हितधारक प्लेटफॉर्म (पीएसपी) से जुड़ने के बाद फाइलेरिया बीमारी होने के बाद इसका बचाव और उपाय क्या है। इसके बारे में जाना। उसके बाद मैं निरंतर अपने घरों पर फाइलेरिया से प्रभावित पैरों की साफ- सफाई की। अब मेरे पैर का सूजन पहले से काफी ठीक है। अब हमें स्कूल की सभी छात्राओं के साथ में खेलना और पढ़ाई करने में कोई हिचक नहीं होती हैं। उक्त वाक्या हसनपुरा प्रखंड के गायघाट गांव निवासी चंदन कुमार सोनी और बेबी देवी की 16 वर्षीया बेटी धन कुमारी ने बताया। इसके पहले मैंने हसनपुरा और आंदर प्रखंड के कई निजी चिकित्सकों से पैर में सूजन का इलाज करा चुकी थी। लेकिन दवा खाने के बावजूद कोई फायदा नहीं हुआ। हालांकि वर्ष 2022 में जब मैं आठवीं वर्ग में अध्ययनरत थी तब मेरे पैर का सूजन गंभीर रूप ले लिया था। जिस कारण बैठने, चलने और फिरने में काफी परेशानी होने लगी। साथ ही सूजन के कारण पांव से खून और पानी का रिसाव होने लगा।
गायघाट स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) पर गठित रोगी हितधारक प्लेटफॉर्म (पीएसपी) सदस्य धन कुमारी ने कहा कि स्थानीय स्तर पर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) के अमरनाथ हरिजन के द्वारा रुग्णता प्रबंधन और विकलांगता रोकथाम (एमएमडीपी) का वितरण के साथ ही प्रशिक्षण भी दिया गया। जिसके बाद प्रतिदिन पैर की सफाई और सोने से पहले मच्छरदानी का उपयोग करने सहित घर और आसपास में सफाई को लेकर पूरी ध्यान देने लगी है। जिस कारण अब मेरे पैर का सूजन बहुत ही कम हो गया है। वहीं विगत फरवरी महीने में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत गांव में खिलाई गई फाइलेरिया रोधी दवा सेवन के दौरान गायघाट, गोआसी, मितवार, महमूदपुर और जलालपुर गांव में अपनी मां और आशा कार्यकर्ता के साथ गृह भ्रमण कर अधिक से अधिक दवा खिलाने में अपनी भूमिका निभाई हूं। इतना ही नहीं हाथीपांव जैसी लाइलाज़ बीमारी फाइलेरिया उन्मूलन अभियान अंतर्गत सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) के दौरान मेरा हाथी जैसा पैर देखने और दवा खाने से इंकार करने वाले मिडिल स्कूल के लगभग 260 से अधिक छात्र और छात्राओं के बीच अपनी पीड़ा को सुनाते हुए स्कूल में कैंप लगा कर दवा का उपयोग कराने के मदद की हूं। क्योंकि सभी के मन में भय व्याप्त था कि अगर हमलोग दवा सेवन नहीं करेंगे तो इसी तरह की बीमारी हमें भी हो सकती है।
सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) अमरजीत हरिजन ने कहा कि स्थानीय सीएचसी पर गठित रोगी हितधारक प्लेटफॉर्म (पीएसपी) की सक्रिय सदस्य धन कुमारी के द्वारा स्थानीय पंचायत अंतर्गत वार्ड संख्या -07, 08, 09 और 10 में सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) के दौरान गृह भ्रमण कर सभी को दवा खिलाने को लेकर गांव में जागरूकता अभियान भी चलाई है। जिस कारण उक्त कार्यक्रम शत प्रतिशत सफल साबित हुआ है। वहीं अपने पैर की सफाई के साथ साथ सोने से पहले मच्छरदानी लगाना नहीं भूलती है। क्योंकि क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फाइलेरिया जैसी बीमारी होने की संभावना अत्यधिक होती है। स्कूल से आने के बाद या छुट्टी के दिन गांव के रास्ते आने जाने वाले राहगीरों सहित गांव की महिला सहित पुरुषों को फाइलेरिया और कालाजार सहित कई अन्य संक्रमित बीमारियों से संबंधित जानकारी देती है। ताकि गांव का हर नागरिक किसी भी तरह की होने वाली बीमारियों से बचाव और सुरक्षित रह सकें।