आदर्श ग्राम बरेजा में 20 फाइलेरिया मरीजों के बीच एमएमडीपी कीट का वितरण!
• फाइलेरिया के मरीजों का दिव्यांगता प्रमाण-पत्र बनाने की प्रक्रिया शुरू
• फाइलेरिया मुक्त पंचायत के लिए लिया गया संकल्प
• मुखिया की अध्यक्षता में आयोजित हुई महत्वपूर्ण बैठक
सारण (बिहार):सारण जिले के मांझी प्रखंड के आदर्श ग्राम बरेजा में 20 फाइलेरिया के मरीजों के बीच एमएमडीपी कीट का वितरण किया गया। साथ हीं मरीजों सेल्फ केयर के बारे में जानकारी दी गयी। ग्राम पंचायत प्लानिंग एंड फैसलिटेशन फोरम (GPPFT) का गठन किया गया। इस आयोजन की अध्यक्षता पंचायत के मुखिया राजेश पांडेय ने की। कार्यक्रम का उद्देश्य पंचायत स्तर पर जन सहभागिता सुनिश्चित करते हुए सतत विकास लक्ष्यों को लागू करना था। बैठक में सतत विकास के 17 लक्ष्यों एवं उनसे जुड़ी 9 प्रमुख थीमों पर विस्तार से चर्चा की गई। विशेष रूप से "स्वस्थ पंचायत" विषय पर केंद्रित परिचर्चा में पंचायत को एक स्वस्थ, सशक्त एवं रोग मुक्त समुदाय के रूप में विकसित करने की दिशा में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए।
फाइलेरिया मुक्त पंचायत बनाने के लिए विशेष रणनीति पर चर्चा :
कार्यक्रम में उपस्थित सभी सदस्यों द्वारा पंचायत को "स्वस्थ पंचायत" के रूप में स्थापित करने का संकल्प लिया गया। इस क्रम में फाइलेरिया मुक्त पंचायत बनाने के लिए विशेष रणनीति पर चर्चा हुई। पंचायत क्षेत्र के फाइलेरिया पीड़ितों की पहचान एवं लाइन लिस्टिंग की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला गया। सभी चिन्हित मरीजों को एमएमडीपी किट की उपलब्धता सुनिश्चित करने की योजना बनाई गई। किट के प्रभावी उपयोग, व्यायाम एवं स्वच्छता नियमों पर विस्तृत जानकारी साझा की गई।
फाइलेरिया से पीड़ित 20 मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण:
बरेजा पंचायत में फाइलेरिया से पीड़ित 20 मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण किया गया। किट वितरण के पश्चात मरीजों को उसका सही उपयोग कैसे करें, दिनचर्या में किन बातों का ध्यान रखें और रोग की गंभीरता से कैसे बचा जा सकता है, इन बिंदुओं पर चिकित्सकीय परामर्श दिया गया। इसके अलावा 20 फाइलेरिया के मरीजों का दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया। मरीजों के लिए विकलांगता प्रमाण पत्र बनवाने के लिए यूडीआईडी (UDID) पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कार्यपालक सहायक को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इस बैठक में पंचायत प्रतिनिधियों के साथ-साथ स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक कल्याण से जुड़े कई विभागों की महत्वपूर्ण भागीदारी रही। मुखिया राजेश पांडेय, उप मुखिया, सभी वार्ड सदस्य, पंचायती राज विभाग से प्रतिनिधि, विद्यालयों के प्रधानाध्यापक, स्वास्थ्य विभाग से सीएचओ, एएनएम, आशा, आशा फैसिलिटेटर, बाल विकास परियोजना से एलएस, आंगनबाड़ी सेविकाएं, जीविका से स्वयं सहायता समूह की महिलाएं, पिरामल फाउंडेशन प्रोग्राम लीड अरविन्द पाठक, पीओ-सीडी पंकज कुमार समेत अन्य मौजूद थे।