अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक 1903 गर्भवती महिलाओं का कराया गया सुरक्षित प्रसव!
संक्रमण से बचाव का वादा, मां और नवजात शिशुओं की सुरक्षित रखना मुख्य उद्देश्य : सिविल सर्जन
मां और शिशु की सुरक्षा सुनिश्चित करना संस्थागत प्रसव का मुख्य उद्देश्य : एमओआईसी
सिवान (बिहार): प्रसव के दौरान मां और शिशु को सुरक्षित वातावरण प्रदान करना ही संस्थागत प्रसव का मुख्य उद्देश्य होता है। हालांकि घर पर असुविधाजनक और अस्वच्छ परिस्थितियों में प्रसव होने से संक्रमण, अधिक रक्तस्राव और अन्य जटिलताओं का खतरा बढ़ जाता है। जबकि अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र में अनुभवी चिकित्सकों और प्रशिक्षित नर्सों की मौजूदगी, स्वच्छ उपकरण और त्वरित चिकित्सा सहायता उपलब्ध होती है। जिससे जोखिम काफी हद तक कम हो जाता है। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद का कहना है कि एक ऐसा वातावरण जहां हर चीख और हर दर्द को समझने वाले स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रशिक्षित चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों का हाथ मौजूद रहता है। जिस कारण वहां संक्रमण से बचाव के उपाय पूरे सावधानी पूर्वक अपनाए जाते हैं। स्वच्छ बिस्तर, कीटाणुरहित उपकरण, अनुभवी चिकित्सक और प्रशिक्षित नर्स यही सब मिलकर उस समय का सबसे अनमोल पल को सुरक्षित बनाने में मदद करते हैं जब मां अपने शिशु को पहली बार देखती है। सही मायने में संस्थागत प्रसव का मतलब यही होना चाहिए।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) बसंतपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कुमार रवि रंजन ने बताया कि संस्थागत और सुरक्षित रूप से प्रसव कराने में सबसे अहम बात यह है कि अस्पताल या प्रसव केंद्र में स्वच्छ वातावरण, प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी और सही उपकरणों की उपलब्धता प्रसव के दौरान मां और शिशु दोनों के जीवन की रक्षा करती है। इसलिए प्रसव से पहले हाथों की सफाई, उपकरणों का कीटाणु रहित होना और उचित देखभाल अनिवार्य रूप से किया जाता है। जिस कारण संस्थागत प्रसव से मातृ और शिशु मृत्यु दर में काफी कमी आती है। संस्थागत प्रसव के माध्यम से मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को घटाने में महत्वपूर्ण सफलता मिली है। जिस कारण यह न केवल जीवन की रक्षा करता है, बल्कि जच्चा और बच्चा के स्वास्थ्य को लंबे समय तक बेहतर बनाए रखने में काफ़ी मददगार भी साबित होता है। इसके साथ ही संस्थागत प्रसव महिलाओं को बेहतर पोषण, टीकाकरण और प्रसव के बाद देखभाल जैसी अतिरिक्त स्वास्थ्य सेवाओं से भी जोड़ता है। हालांकि संस्थागत प्रसव का लक्ष्य हर मां को सुरक्षित मातृत्व का अनुभव कराना और हर नवजात को एक स्वस्थ जीवन की शुरुआत देना है।
बीसीएम सह प्रभारी बीएचएम सरफराज अहमद ने बताया कि स्थानीय सीएचसी बसंतपुर के प्रसव कक्ष की प्रभारी स्टाफ नर्स मुन्नी कुमारी और रूपा रानी जबकि एएनएम सीमा कुमारी, फुलमनी ब्राउद और रेणु देवी के देख रेख में अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक 1903 गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित और संस्थागत प्रसव कराया गया है। जबकि 27 अप्रैल 2025 में अभी तक 103 प्रसव कराया गया है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के नेतृत्व में स्थानीय सीएचसी में प्रसव के दौरान निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन किया जाता है साथ ही प्रसव कराने वाली महिलाओं को गरिमापूर्ण देखभाल सुनिश्चित की जाती है, जिससे जटिलताओं के समय पर उचित प्रबंधन और महिलाओं की संतुष्टि में स्पष्ट सुधार देखा गया है। क्योंकि मज़बूत नेतृत्व और समर्पित टीम, अस्पतालों की आधारभूत संरचना और मानव संसाधनों में सुधार, डॉक्टरों व नर्सों को समय- समय पर व्यावहारिक प्रशिक्षण और प्रमाणित संस्थानों के अनुभवों को साझा किया जाता है।