सारण में चल रहें सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम का राज्य सलाहकार ने लिया जायजा!
•फ़ाइलेरिया का नहीं है कोई उपचार
•डॉ. अनुज सिंह रावत ने एमडीए कार्यक्रम का लिया जायजा
• अभियान के सफलता को लेकर स्थानीय ग्रामीणों के साथ किया संवाद
•किसी भी परिस्थिति में दवा का वितरण नहीं होना चाहिए
सारण (बिहार): 10 फरवरी 2025 से सारण जिले के सभी प्रखंडों में राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत फाइलेरिया से बचाव के लिए चलाए जा रहे सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम का राज्य सलाहकार फाइलेरिया डॉ. अनुज सिंह रावत ने जायजा लिया। भ्रमण के दौरान डॉक्टर रावत ने गरखा में चलाए जा रहे एमडीए कार्यक्रम की समीक्षा की और वहां के स्थानीय निवासी महेश्वर पांडेय, सेवानिवृत्त सशस्त्र सीमाबल से चर्चा की। डॉ रावत ने वहां की टीम को निर्देशित किया कि किसी भी परिस्थिति में दवा का वितरण नहीं होना चाहिए, सभी यह ध्यान रखें कि प्रतिदिन यदि ऐसे व्यक्ति जो भ्रमण के दौरान दवा का सेवन नहीं कर पाते हैं उन्हें निश्चित तौर पर रिविजिट कर पुनः दवा का सेवन कराया जाए। डॉ रावत ने सभी से अपील किया कि हम सभी अपने परिवार के सदस्यों व समुदाय के लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा के सेवन हेतु प्रेरित करें।
फ़ाइलेरिया का नहीं है कोई उपचार:
डॉ रावत ने कहा कि इस बीमारी के लक्षण दिखने में 10 से 15 वर्षों का समय लगता है अतः बचाव ही इसका एकमात्र उपचार है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार यह बीमारी दुनिया की दूसरी सबसे भयंकर कुरूपता एवं स्थाई दिव्यंगता लाने वाली बीमारी है। डॉक्टर रावत ने जिला में सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा, जिला भी.वी.डी. पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार सिंह, जिला भीवीडी सलाहकार सुधीर कुमार, वीडीसीओ सहित अन्य जिला स्तरीय पदाधिकारियों के साथ बैठक की और कार्यक्रम से संबंधित विभिन्न दिशा निर्देश सम्मिलित पदाधिकारी को दिए। डॉ रावत ने इस बात पर जोर दिया की दवा को शत प्रतिशत खिलाया जाए इसके साथ ही प्रतिदिन रिवीजन किया जाए और प्रखंड स्तरीय पर्यवेक्षक को बढ़ावा दिया जाए, यही इस कार्यक्रम की सफलता के मूल मंत्र हैं। सभी संबंधित विभागों से डॉ रावत ने अपील की कि सभी लोग इस महाअभियान में अपना सहयोग प्रदान करें और राष्ट्रीय फाइल एरिया उन्मूलन कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना महत्तम सहयोग प्रदान करें।
डॉ रावत ने बताया कि फाइलेरिया के मरीजों को बिहार राज्य में दिव्यंगता प्रमाण पत्र निर्गत किया जा रहा है, अतः जो भी व्यक्ति फाइलेरिया से ग्रसित हो कृपया अपने नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क कर अपना दिव्याँगता प्रमाण पत्र बनवाना सुनिश्चित कर ले। डॉ रावत ने कहा कि ऐसे व्यक्ति जो भी फाइलेरिया से ग्रसित है वह स्वयं व अपने परिवार के सदस्यों तथा अपने पास पड़ोस के लोगों को निश्चित तौर पर इस दवा के सेवन हेतु प्रेरित करें। यह अधिकतम संभावना है कि उन व्यक्तियों में भी फाइलेरिया का संक्रमण हो सकता है। निश्चित तौर पर इस चक्र में सारण जिले ने अभूतपूर्व कार्य किया है जिसकी अनुशंसा की जाती है।
डॉ रावत ने बताया कि शीघ्र ही राष्ट्रीय स्तर से भी पदाधिकारियों का सारण जिले में भ्रमण होना है । अतः हम सभी को जिले में हुए विभिन्न सराहनीय कार्यों और प्रयासों को प्रदर्शित करना है और साथ ही स्वास्थ्य मंत्री के हाइड्रोसील मुक्त बिहार के स्वप्न को सारण जिले को भी लक्ष्य प्राप्ति हेतु सहयोग करना है । इस मौके पर डीएमओ डॉ दिलीप कुमार सिंह, जिला वेक्टर रोग सलाहकार सुधीर कुमार, वीडीसीओ अनुज कुमार, वीडीसीओ सतीश कुमार, सुमन कुमारी, पंकज तिवारी, फ़ाइलेरिया इंस्पेक्टर मुस्तफ़ा अंसारी, सीफार के डीपीसी गनपत आर्यन समेत अन्य मौजूद थे।