चंद्रावती मोस्मात के लोन माफी हेतु सक्रिय हुए भाकियू हलधर के डॉ शैलेश कुमार गिरि!
साहेबगंज (झारखंड): भाकियू हलधर के डा० शैलेश कुमार गिरि राष्ट्रीय कोर कमेटी उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता बिहार झारखंड प्रदेश प्रभारी को झारखंड के साहेबगंज निवासी चंद्रावती मोस्मात ने एक पत्र लिख कर लोन माफी के लिए गुहार लगाई थी।
इस बारे में पिछले दोनों आयोजित किसान पंचायत में आश्रम टोला, सकरी गली, साहिबगंज निवासी चंद्रावती मोस्मात पति स्वर्गीय हरिद्वार सिंह ने अपने सन् 2012 में लिए गए पचास हजार रुपए कृषि लोन, जिसे मांफ करने का यूनियन के द्वारा आस्वासन दिया गया था। उससे सबंधित एक नोटिस लोक अदालत नोटिस, वाद/ प्रीलिटिगेशन वाद संख्या प्रसंग ऋण खाता संख्या- 612000AE00000117 रुपया 145154 का फरवरी 2025 के अंतिम सप्ताह में मिला और 08 मार्च 2025 को कुल राशि के 25 प्रतिशत रकम को लेकर उपस्थित होने के लिए कहा गया।
अब आपको ये भी बताते चलें कि उपरोक्त वर्णित मामले के समाधान के लिए चंद्रावती मोस्मात ने डा० शैलेश कुमार गिरि राष्ट्रीय कोर कमेटी उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता व बिहार झारखंड प्रदेश प्रभारी से मोबाइल के द्वारा विडियो काल से बात कर के भी दो बार अपनी गुहार लगायी। चंद्रावती मोस्मात के मार्मिक गुहार को सुनते हुए, डा० शैलेश कुमार गिरि झारखंड प्रदेश प्रभारी ने मामले की विधिवत् जांच कर ऋणमुक्त कराने का आस्वासन दिया। डा० शैलेश कुमार गिरि के आस्वासन की खबरें भी साहिबगंज अंक के कई समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई थी। दिये गये आस्वासन पर डा० शैलेश कुमार गिरि ने विधिवत कार्य प्रारंभ करने की कड़ी में कल चंद्रावती मोस्मात को अपने यूनियन के "पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल" के साथ लीगल आवेदन लेकर उपस्थित होने के लिए कहा है। आगे इस गरीब चंद्रावती मोस्मात के मामले को होली बाद चलने वाले विधानसभा सत्र में भी उठवाने की बात कही है। वहीं भाकियू हलधर के राष्ट्रीय कोर कमेटी उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता बिहार झारखंड प्रदेश प्रभारी ने संबंधित बैंक प्रबंधक और प्रबंधन से भी निवेदन करते हुए कहा कि बैंक प्रबंधन विगत 13 वर्षों तक किस कुंभ करनी निंद्रा सोया हुआ था। यदि बैंक प्रबंधन के मानसिक दबाव या इसको लेकर लोन पिड़िता चंद्रावती मोस्मात, यदि कुछ अनहोनी करती है तो इसकी सारी जिम्मेदारी बैंक प्रबंधन और लोन मांफ नहीं करने वाले सिस्टम की होगी, जिस किसी ने ऐसी लापरवाही की है। मैं जिला विधिक प्राधिकार से निवेदन करता हूँ कि इसे गंभीरता पूर्वक संज्ञान में लेकर लोन पिड़िता को राहत देने के प्रति विधिवत पहल करे।