नारी तू नारायणी है
✍️प्रिया पाण्डेय "रोशनी" (हुगली, पश्चिम बंगाल)
नारी तू नारायणी हैं,
बस तुम्हें अपनी शक्ति पहचाननी हैं,
तुम ख़ुद को कमज़ोर मत कहो,
ना ही ख़ुद को,
अबला नारी कह कर संबोधित करो,
क्यों कि तुम में समस्त सृष्टि छुपी हुई हैं,
तुम हर संघर्ष से लड़ने वाली,
तुमसे ही देवताओं ने जन्म लिया,
तुम त्याग की मूरत हो,
नारी तुम नारायणी हो,
तुमसे चलता काल चक्र हैं,
तुम हर रूप में पुरुषों के साथ खड़ी रही,
लक्ष्मी बन धन की देवी,
सरस्वती बन विद्या की देवी,
दुर्गा बन शक्ति की देवी,
वात्सल्य का तुम वो रूप हो,
जिसमें ख़ुद शिव भी लिन हैं,
अर्धांगिनी बन तुम अपनी पति के अर्धअंग हो,
हे नारी तुम नारायणी हो,
तुम कमज़ोर न बनो,
तुम खूबसूरत भी मत बनो,
पर हा तुम शक्ति जरूर बनो,
तुम नारायण की नारायणी बनो।