चमकी बुखार से निबटने को लेकर राज्य स्तरीय टीम ने लिया तैयारियों का जायजा!
• चार सदस्यीय टीम ने सदर अस्पताल सहित कई स्वास्थ्य केंद्रों का किया निरीक्षण
• जिले में सभी अस्पताल में बनाया गया है एईएस-जेई वार्ड
• चमकी बुखार से निपटने के लिए दिया गया स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण
गोपालगंज (बिहार): जिले में चमकी बुखार और जेई से निपटने को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है। विभिन्न स्तर पर तैयारी की गयी है। इसको लेकर राज्य स्तरीय चार सदस्यीय टीम ने सदर अस्पताल सहित विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण कर चमकी बुखार और जेई से निपटने के लिए की गयी तैयारियों का जायजा लिया। टीम में राज्य स्वास्थ्य समिति से डॉ. संस्कृति सिन्हा बरियार, डॉ. विजेता सिंह, डॉ. मिथुन कुमार, डॉ. समीर कुमार शामिल थे। इस दौरान जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सुषमा शरण, डीवीबीडीसी अमित कुमार, वीडीसीओ विपिन कुमार, राजेश कुमार सहित अन्य मौजूद थे। टीम ने सदर अस्पताल स्थित एईएस-जेई वार्ड सहित कुचायकोट, उचकागांव और थावे में निरीक्षण किया। टीम ने एईएस वार्ड में उपलब्ध दवाओं, चिकित्सा उपकरणों और सुविधाओं की जांच की। टीम ने कहा कि समुचित इलाज के लिए सभी आवश्यक दवाएं मौजूद रहनी चाहिए। उन्होंने चिकित्सा स्टाफ को सतर्क रहने और आवश्यक व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने के निर्देश दिए। राज्य मुख्यालय के निर्देश पर सभी जिलों में एईएस को लेकर विशेष समिति का गठन किया गया है।
सदर अस्पताल में बना है 10 बेड का एईएस-जेई वार्ड
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सुषमा शरण ने बताया कि चमकी बुखार और जेई से निपटने को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है। इसको लेकर सदर अस्पताल में 10 बेड तथा सभी अनुमंडलीय अस्पताल, सीएचसी और पीएचसी में दो-दो बेड का वार्ड बनाया गया है। इसके साथ हीं स्वास्थ्य कर्मियों का प्रशिक्षित किया गया है। उन्होने बताया कि आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली गयी है। एंबुलेंस की टैगिंग भी कर ली गयी है। शिशु रोग विशेषज्ञ के साथ जेनरल फिजिशियन को अपने संबंधित स्वास्थ्य केंद्र पर आने वाले बच्चों के इलाज में विशेष फोकस करने का निर्देश दिया गया।
घबराने की जरूरत नहीं:
डीएमओ ने बताया कि इसमें किसी को पैनिक या विशेष घबराने की जरूरत नहीं है। सावधानी जागरूकता व बचाव को लेकर अलर्ट रहने की जरूरत है। अप्रैल एवं मई चमकी व दिमागी बुखार के लिहाज से बेहद संवेदनशील माना जाता है। इसमें तेज बुखार, उल्टी के साथ बेहोशी की शिकायत चमकी के लक्षण हो सकते हैं। बच्चों को बीमारी से बचाव के लिए गर्मी के दिन में कभी खाली पेट नहीं रखें। बच्चों को बेवजह धूप में निकलने ना दे। कच्चे आम व लीची का सेवन न करने दे। ओआरएस व नींबू और चीनी का घोल लगातार पिलाए। बुखार होने की स्थिति में शरीर को ठंडा पानी से पोछे। उन्होंने बताया कि चमकी बुखार के प्रारंभिक लक्षण तेज बुखार रहना। बदन में लगातार ऐंठन रहना, दांत पर दांत दबाए रखना। सुस्ती चढ़ना। कमजोरी और बुखार की वजह से बेहोशी आना। चुट्टी काटने पर भी शरीर में कोई गतिविधि ना होना आदि चमकी बुखार के लक्षण है।
'चमकी की धमकी' की तीन बातें
'इस गर्मी हम मिलकर देंगे चमकी की धमकी। ये तीन धमकियां याद रखें।' इसके बाद सिलसिलेवार तरीके से धमकियों को बताया गया है।
1. खिलाओ : बच्चों को रात में सोने से पहले भरपेट खाना जरूर खिलाएं। यदि संभव हो तो कुछ मीठा भी खिलाएं।
2. जगाओ : सुबह उठते बच्चों को भी जगाएं, देखें कहीं बेहोशी या चमकी तो नहीं।
3. अस्पताल ले जाओ : बेहोशी या चमकी देखते ही आशा को सूचित कर तुंरत नि:शुल्क 102 एम्बुलेंस या उपलब्ध वाहन से नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं।