20 वर्षों से था हाइड्रोसिल, सीएचसी में हुआ सफल ऑपरेशन!
स्थानीय स्तर पर हाइड्रोसिल के 20 मरीज लेकिन 18 का कराया जा चुका है ऑपरेशन: एमओआईसी
जिले के शत प्रतिशत हाइड्रोसील बीमारी से ग्रसित मरीजों का किया गया है सफल ऑपरेशन: डॉ ओपी लाल
सिवान (बिहार): लगभग 20 वर्षों से फाइलेरिया यानि हाइड्रोसिल से पीड़ित होने के कारण चलने फिरने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था लेकिन सबसे ज्यादा गर्मी के दिनों में छाले होने से बहुत ज्यादा कष्टदायक होता था। हालांकि अपनी आपबीती किसी को बयां भी नहीं कर सकता था। इस तरह की बातें सिवान जिले के भगवानपुर हाट प्रखंड अंतर्गत सारीपट्टी गांव निवासी स्व राजदेव पाण्डेय के 42 वर्षीय पुत्र रामजी पाण्डेय ने दुःख व्यक्त करते हुए कही है। क्योंकि हाइड्रोसिल का आकार बहुत बड़ा होने से शर्म आती थी। लेकिन एक दिन अपनी भतीजी का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भगवानपुर हाट में बंध्याकरण होने के दौरान गया था। तो देखा कि पुरुषों का भी ऑपरेशन हो रहा है। उसके बाद गांव की आशा कार्यकर्ता मिंती देवी द्वारा पूरी जानकारी लेने के बाद ही हाइड्रोसिल ऑपरेशन कराया हूं। क्योंकि फाइलेरिया बीमारी के कारण ही आपको हाइड्रोसिल की समस्या उत्पन्न हुई है। जिसका सरकारी अस्पताल में बिल्कुल ही निःशुल्क ऑपरेशन करा कर उससे छुटकारा पाया जा सकता है। हालांकि तीन लड़की और एक लड़का होने के बाद मेरी पत्नी प्रेमशिला देवी गोपालगंज के बैकुंठपुर स्वास्थ्य केंद्र में बंध्याकरण कराने के बाद हमको भी ऑपरेशन कराने के लिए प्रेरित की लेकिन हमको डर लग रहा था। लेकिन स्थानीय गांव की आशा कार्यकर्ता के द्वारा हमको काफी समझाया गया। उसके बाद ही हमने ऑपरेशन कराने का निर्णय लिया। क्योंकि काफी डर लग रहा था। इसके साथ ही गांव के लोगों ने हाइड्रोसिल ऑपरेशन के साथ ही पुरुष नसबंदी का भय दिलाया गया था। जिस कारण हमको ऑपरेशन कराने में काफी विलंब हुआ था। विगत तीन महीने पूर्व हमने अपना हाइड्रोसिल मुक्त अभियान का हिस्सा बन अपना भी ऑपरेशन करा लिया हूं।
पीरामल स्वास्थ्य के (पीओसीडी) सोनू सिंह ने बताया कि स्थानीय प्रखंड अंतर्गत सभी गांवों में फाइलेरिया यानि हाथीपांव और हाइड्रोसिल से पीड़ित लोगों को सरकार की ओर से फाइलेरिया मरीजों को MMDP किट और हाइड्रोसिल मरीजों का ऑपरेशन किया जाता है। हाइड्रोसिल मरीजों को जागरूक करते हुए उसका निराकरण करने का प्रयास के साथ ही स्वास्थ्य संस्थानों में ऑपरेशन कराया जा रहा है। वहीं चिन्हित हाइड्रोसिल मरीजों का ऑपरेशन कराए जाने के बाद विभागीय और पीरामल स्वास्थ्य की ओर से फॉलोअप किया जाता है। ताकि उसका अद्यतन स्थिति का आंकलन किया जा सकें। जबकि हाथीपांव से पीड़ित लोगों को रुग्णता प्रबंधन और विकलांगता रोकथाम (एमएमडीपी) से संबंधित प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित कर प्रशिक्षित किया जाता है। ताकि हाथी पांव को पूरी तरह की सफाई किया जा सके। क्योंकि उस स्थिति में हाथीपांव की सफाई ही उसका उपचार है। जबकि इसके अलावा विभागीय स्तर पर किट का वितरण भी किया जाता है। जिसमें एक टब, मग, तौलिया, साबुन, चप्पल और दवा सहित कई अन्य प्रकार की सामग्रियां रहती हैं।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भगवानपुर हाट के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ विजय कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत हम लोग विभागीय स्तर पर हर संभव प्रयास करते हैं कि जल्द से जल्द इस बीमारी को जड़ से मिटा सके। हालांकि इस तरह के कार्यक्रम में पीरामल स्वास्थ्य के अधिकारी और कर्मियों के सहयोग से प्रशिक्षण सहित कई अन्य प्रकार के कार्यक्रमों का संचालन किया जाता है। क्योंकि जब तक गांव से इस तरह की बीमारियों का पूर्ण रूप से सफाया नहीं करेंगे तब तक जिला, राज्य या देश स्तर से मिटाया नहीं जा सकता है। हालांकि स्थानीय भगवानपुर हाट प्रखंड अंतर्गत 316 फाइलेरिया जैसी बीमारी से ग्रसित मरीजों की पहचान हुई है। जिसमें 20 हाइड्रोसिल के रोगी है। लेकिन 18 रोगियों का सफलता पूर्वक ऑपरेशन करा लिया गया है। वहीं लगभग 75 के करीब फाइलेरिया यानि हाथीपांव से पीड़ित लोगों को रुग्णता प्रबंधन और विकलांगता रोकथाम (एमएमडीपी) कीट का वितरण किया जा चुका है।
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी (डीवीबीडीसीओ) डॉ ओम प्रकाश लाल ने बताया कि हाइड्रोसील फाइलेरिया ग्रसित मरीजों की सुविधा के लिए जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों सहित जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में इसका उचित सलाह और निःशुल्क उपचार किया जाता है। लेकिन कुछ ही सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में ऑपरेशन की सुविधा उपलब्ध है। हालांकि हाइड्रोसिल से ग्रसित मरीजों की आवश्यक जांच के बाद ऑपरेशन सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। हालांकि फिलहाल जिले में 6008 फाइलेरिया मरीजों की पहचान हुई है। जिसमें 5417 हाथीपांव और 591 हाइड्रोसिल के रोगी है। हालांकि जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों द्वार शत प्रतिशत लोगों का ऑपरेशन किया जा चुका है। ऑपरेशन के बाद संबंधित व्यक्तियों को अगले दिन अस्पताल से छुट्टी कर दिया जाता है। घर में कुछ दिन आराम करने के बाद संबंधित व्यक्ति सामान्य जीवन का लाभ उठा रहे हैं। अन्य हाइड्रोसील ग्रसित मरीजों द्वारा नजदीकी सरकारी अस्पताल में सामान्य ऑपरेशन के बाद हाइड्रोसील फाइलेरिया से निजात पा सकते हैं।