ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति द्वारा फूड बास्केट वितरण समारोह का किया गया आयोजन!
टीबी बीमारी से ऊबर चुकी गरीब, असहाय और कमजोर वर्ग की महिला और युवतियों को सशक्त बनाना इस संस्था का मुख्य उद्देश्य!
डॉ अंजू सिंह विगत दो वर्षों से टीबी रोगियों को गोद लेकर निभा रही हैं अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन: डीपीसी
सारण (बिहार): देश से टीबी मुक्त अभियान के सपने को साकार करना हर नागरिकों का कर्तव्य है। इसी सपने को मूर्त रूप देने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश और बिहार में टीबी मरीजों को गोद लेकर ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति की संस्थापिका सह सचिव डॉ अंजू सिंह विगत दो वर्षों से जिम्मेदारी को बखूबी निभा रही है। उक्त बातें जिला यक्ष्मा केंद्र सारण के जिला योजना समन्वयक (डीपीसी) हिमांशु शेखर ने ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति द्वारा 50 टीबी मरीजों के बीच फूड पैकेट वितरण समारोह के दौरान कही। आगे उन्होंने कहा कि सारण जिला मुख्यालय स्थित साधनपुरी कार्यालय में छपरा शहर के विभिन्न मोहल्लों के 50 टीबी रोगियों को बुलाकर पौष्टिक आहार खाने के लिए पोषाहार पैकेट का वितरण करते आ रहीं हैं। क्योंकि यह शहर ही नही बल्कि यूपी के जौनपुर में भी टीबी मरीजों को गोद लेकर सतत प्रयत्न शील संस्था के रूप में कार्य करते आ रहीं हैं। साथ ही टीबी मरीजों को संस्था की ओर से जागरूक भी किया जाता है। वहीं इन्होंने यह भी कहा कि टीबी रोगियों की पहचान के लिए सदर अस्पताल में बलगम जांच एवं उपचार की सुविधा उपलब्ध है। उसके बाद पौष्टिक आहार खाने के लिए टीबी रोगियों को उनके इलाज के दौरान बेहतर पोषण के लिए प्रति माह एक हजार रुपए की धनराशि स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी जाती है। हालांकि टीबी रोगियों के नोटिफिकेशन को बढ़ाने के लिए किसी आम व्यक्ति, निजी अस्पतालों एवं निजी चिकित्सकों को टीबी रोगियों की जानकारी देने पर प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है।
टीबी बीमारी से ऊबर चुकी गरीब, असहाय और कमजोर वर्ग की युवतियां और महिलाओं को सशक्त बनाना इस संस्था का मुख्य उद्देश्य: डॉ अंजू सिंह
ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति की संस्थापिका सह सचिव डॉ अंजू सिंह ने उपस्थित टीबी रोगियों को जागरूक करते हुए कहा कि देश में प्रत्येक वर्ष लगभग पांच लाख से अधिक लोग टीबी जैसी बीमारी के कारण काल के गाल में समा जाते हैं। क्योंकि यह आंकड़ा दुनिया के अन्य देशों से अधिक है, सामान्य लोगों की अपेक्षा यक्ष्मा बीमारी से ग्रसित रोगियों के संपर्क में आने से टीबी की बीमारी होने का खतरा अत्यधिक होता है। जिसको लेकर टीबी से संबंधित स्क्रीनिंग और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर गोद लेकर यक्ष्मा रोगियों के बीच फूड बास्केट वितरण किया जाता है। जिले को टीबी मुक्त अभियान में विभाग के अधिकारी और कर्मियों सहित जिलेवासियों की भूमिका महत्वपूर्ण होनी चाहिए, ताकि प्रधानमंत्री के सपने को साकार किया जा सके। टीबी जैसी बीमारी से ठीक होने में अनिवार्य रूप से पौष्टिक आहार का उपयोग करना चाहिए। साथ ही नियमित रूप से दवा सेवन को लेकर सलाह देते हुए रोगियों से कहा गया कि अगर किसी व्यक्ति को लगातार दो सप्ताह से ज्यादा खांसी, बुखार या बलग़म में खून का आना, वजन में कमी, भूख नहीं लगने की शिकायत हो तो अविलंम स्वास्थ्य केंद्र जाकर अपनी जांच कराना चाहिए। ताकि समय रहते उसका इलाज किया जा सके। टीबी मरीजों में महिला और युवतियों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्वेश्य से सिलाई कटाई प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित किया जाता है। ताकि भविष्य में किसी को सहारे की आवश्यकता नहीं हो। विगत दो वर्षों से टीबी रोगियों को गोद लेकर फूड बास्केट का वितरण किया जाता है साथ ही गरीब, असहाय और कमजोर वर्ग की युवतियां और महिलाओं को सशक्त बनाना इस संस्था का मुख्य उद्देश्य है।
इस अवसर पर ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति की संस्थापिका सह सचिव डॉ अंजू सिंह, यक्ष्मा विभाग के डीपीसी हिमांशु शेखर, सिलाई कटाई प्रशिक्षण केंद्र की प्रशिक्षिका प्रीति शाही और भाग्यमणि शाही, कविता पटेल, रजनी कुमारी, रवि कुमार सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे।