राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से गठित तीन टीम जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों का भ्रमण कर समकक्ष मूल्यांकन करेगी!
कायाकल्प योजना के तहत स्वच्छता और संक्रमण नियंत्रण को लेकर किया जाता है मूल्यांकन: सिविल सर्जन
कायाकल्प कार्यक्रम अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024 -25 में जिले के चयनित स्वास्थ्य केंद्रों का राज्य स्तरीय टीम करेगी अंकेक्षण: डीसीक्यूए
अंकेक्षण में मुख्य रूप से आठ बिंदुओं पर अस्पताल को दिया जाता है अंक!
सिवान (बिहार): सिवान जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से इलाज कराने के लिए आने वाले मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय सहायता के साथ- साथ स्थानीय स्तर पर अस्पताल की व्यवस्था में बेहतर रख- रखाव सुविधा का ध्यान रखा जाता है। इसके बाद अस्पताल का बेहतर रख- रखाव सुविधा के लिए संबंधित अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग द्वारा कायाकल्प योजना के तहत पुरस्कृत किया जाता है। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में स्वच्छता और संक्रमण नियंत्रण को बढ़ावा देना, पर्यावरण के अनुकूल सुविधाएं बनाना, सुविधाओं की साफ़, सफाई, हरा, भरा, संक्रमण और प्रदूषण मुक्त रखना, तेज़ी से उपचार को बढ़ावा देना, अपशिष्ट का पुनः उपयोग और पुनर्चक्रण करना, पृथ्वी और पर्यावरण को बचाने जैसी व्यवस्था को सुसज्जित करने के साथ ही कायाकल्प योजना के तहत, स्वच्छता और संक्रमण नियंत्रण से जुड़े प्रदर्शन का लगातार मूल्यांकन और कर्मियों के साथ बैठक आयोजित कर समीक्षा की जाती है। क्योंकि इसके आधार पर सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में बेहतर सफ़ाई से संबंधित कार्यक्रम को स्थायी रूप से मूर्त रूप दिया जाता है। जिसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से गठित तीन टीम सिवान जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों का भ्रमण कर समकक्ष मूल्यांकन करेगी। वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मियों से गहनता पूर्वक जानकारी ली जाएगी।
जिला सलाहकार गुणवत्ता यक़ीन (डीसीक्यूए) डॉ कुमार अभिमन्यु ने बताया कि जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) आंदर, बड़हरिया और बसंतपुर का अंकेक्षण वित्त एवं लॉजिस्टिक के राज्य परामर्शदाता नमित कुमार और यूनिसेफ के डॉ राकेश कुमार शर्मा जबकि सीएचसी हुसैनगंज और अनुमंडलीय अस्पताल महाराजगंज का राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से दवा विभाग के सहायक निदेशक मनीष रंजन और राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) विभाग की डॉ स्नेह निधि वहीं सीएचसी रघुनाथपुर और जिरादेई का पीरामल स्वास्थ्य की डॉ प्रियंका और बिहार राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी (बीएसएसीएस) के दीपक कुमार द्वारा कायाकल्प कार्यक्रम अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024 -25 में जिले के उक्त स्वास्थ्य संस्थानों के राज्य स्तरीय अंकेक्षण करने के लिए राज्य स्तरीय गठित टीम का भ्रमण होना है। क्योंकि कायाकल्प कार्यक्रम अंतर्गत समकक्ष मूल्यांकन (Peer Assessment) में 70 प्रतिशत या इससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले स्वास्थ्य संस्थानों का अंतरिक मूल्यांकन (External Assessment) किया जाएगा। हालांकि इससे संबंधित सभी तरह की तैयारी पूरी कर ली गई है।
पीरामल स्वास्थ्य की रानी कुमारी गुप्ता ने बताया कि कायाकल्प योजना के तहत राज्य स्तर से नामित टीम के द्वारा जिले अनुमंडलीय अस्पताल महाराजगंज के अलावा छह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) का मूल्यांकन किया जाएगा। जिसमें अस्पताल में मरीजों के लिए उपलब्ध सुविधाओं के साथ- साथ उसके रख- रखाव की अद्यतन जानकारी ली जाएगी। हालांकि मुख्य रूप से कायाकल्प योजना के तहत अंकेक्षण में आठ बिंदुओं पर अस्पताल को अंक प्रदान किया जाता है। ताकि राज्य स्तर पर बेहतर अंक प्राप्त करने वाले अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग द्वारा कायाकल्प योजना के तहत पुरस्कृत किया जाए। जिसमें मुख्य रूप से हाइजीनिक व्यवस्था, जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन सुविधा, पंजीयन काउंटर, अस्पताल में संक्रमण रोकथाम प्रबंधन का समुचित विकल्प रखना, दवा वितरण प्रणाली, मरीजों से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी या कर्मियों का व्यवहार, सपोर्ट सर्विस, मरीज फीडबैक व अन्य अस्पताल गतिविधियां शामिल है।