शुभ संकेत: फाइलेरिया से बचाव की दवा खाने के बाद सिरदर्द-उल्टी और चक्कर आये तो घबराएं नहीं!
·बेझिझक होकर फाइलेरिया से बचाव की दवा खाएं
· पूरी तरह से सुरक्षित है दवा
· सभी प्रखंडों में रैपिड रिस्पांस टीम है तैनात
सारण (बिहार): छपरा जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत हाथीपांव से बचाव के लिए सर्वजन दवा सेवन अभियान चलाया जा रहा है। 10 फरवरी से अभियान की शुरूआत की गयी है। आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा घर-घर जाकर लाभार्थियों को दवा खिलायी जा रही है। जिले वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि फाइलेरिया की दवा खाने के बाद अगर सिरदर्द, उल्टी, बुखार, घबराहट हो तो चिंता की कोई बात नहीं , बल्कि यह शुभ संकेत है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। फाइलेरिया से बचाव की दवा पूरी तरह से सुरक्षित है। जिस व्यक्ति के खून में फाइलेरिया के कीटाणु होते हैं, दवा खाने पर फाइलेरिया कीटाणु के मरने के कारण उसे हल्का बुखार, सिर में दर्द, उल्टी या चक्कर की शिकायत हो सकती है। इसमें चिंता की कोई बात नहीं है। ये लक्षण कुछ समय बाद समाप्त हो जाते हैं। सर्वजन दवा का सेवन खाली पेट में बिल्कुल नहीं करना है। अधिकांश बच्चों में घबराहट के कारण कुछ प्रतिकूल लक्षण प्रकट होते हैं। सारण में तीन तरह की दवा खिलायी जा रही है। जिसमें डीईसी, अल्बेंडाजोल और आइवरमेक्टिन की गोली शामिल है। अलग-अलग उम्र और हाइट के हिसाब डोज दिया जा रहा है। सारण में 37 लाख 92 हजार 159 लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। 5 लाख 88 हजार 834 घरों को लक्षित किया गया है। दवा खिलाने के 1884 टीम गठित किया गया है। 3357 ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर, 179 सुपरवाइजर लगाये गये है।
सभी प्रखंडों में रैपिड रिस्पांस टीम है तैनात:
जिला वेक्टर बोर्न डिजिज पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने के लिए प्रखंड के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर रेपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है। कार्यक्रम दौरान गुणवत्ता बनाए रखने के लिए हर दिन संध्या बैठक की जा रही है। इसके साथ ही इस कार्यक्रम की सफलता के लिए के लिए संबंधित विभागों एवं स्वास्थ्य विभाग के सहयोगी संस्थाओं के संयुक्त रूप से सहयोग लिया जा रहा है। सर्वजन दवा सेवन अभियान के तहत अगर किसी भी तरह की दिक्कत होती है तो बेझिझक नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाएं। आशा के पास भी क्विक रिस्पांस टीम बनी हुई है। स्वास्थ्य विभाग आपके बेहतर स्वास्थ्य के लिए हमेशा तत्पर है। गाँव से लेकर जिला स्तर पर स्वाथ्य कर्मी किसी भी तरह की समस्या से आपको बचाने के लिए तैयार हैं। आइये एक बार फ़िर एक जुट होकर दवा सेवन का संकल्प लें और फाइलेरिया को दूर भगाएं।
चबाकर खानी है अल्बेंडाजोल की गोली:
सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि एल्बेंडाजोल की गोली चबाकर खानी है। डीईसी एवं एल्बेंडाजोल की खुराक सभी लोगों को भ्रमणशील टीम के सामने ही खानी है। यह दवा खाना खाने के बाद ही खाना है। 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलायें एवं एक सप्ताह तक की धातृ महिला व गंभीर रूप से ग्रसित व्यक्तियों को इस दवा का सेवन नहीं करना है। लोगों द्वारा अल्बेंडाजोल का सेवन आशा की उपस्थिति में चबाकर किया जाना है।