आंदर की संगीत शिक्षिका रागिनी सिंह शिवरतन ने अपनी टीम के माध्यम से फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत कार्यक्रम को कर रही है जागरूक!
सोशल मीडिया साइट्स के माध्यम से सर्वजन दवा सेवन करने के लिए जागरूक करने में जुटी संगीत शिक्षिका: सिविल सर्जन
फाइलेरिया उन्मूलन अभियान अभियान रजऊ, ले ल ज्ञान रजऊ, रखीह ध्यान रजऊ, एके दवा खा ल बाचल रही जान रजऊ.....
फाइलेरिया से सुरक्षा के लिए लोगों को खिलाई जा रही डीईसी व एल्बेंडाजोल की दवा: डॉ ओपी लाल
सिवान (बिहार): राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को लेकर स्वास्थ्य विभाग और राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा बिहार के लगभग 38 विभागों के वरीय अधिकारियों सहित नगर निगम, परिषद और पंचायतों के नगर आयुक्तों को विगत 10 फरवरी से शुरू हुए सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम के दौरान शहर से लेकर सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तक जन जागरूकता अभियान चलाया गया है। ताकि फाइलेरिया जैसी बीमारी को जड़ से मिटाया जा सके। इसी कड़ी में जिले के आकांक्षी प्रखंड आंदर के नटराज गुरुकुल संगीत महाविद्यालय की संस्थापिका सह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की संगीत शिक्षिका रागिनी सिंह शिवरतन ने अपनी टीम के माध्यम से भोजपुरी लोकगीत द्वारा प्रखंड सहित जिले के अलावा राज्य के अन्य जिलों में ऑडियो और वीडियो के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
आंदर प्रखंड मुख्यालय स्थित नटराज गुरुकुल संगीत महाविद्यालय की संस्थापिका सह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की संगीत शिक्षिका रागिनी सिंह शिवरतन और संचालक रंजीत कुमार दुबे द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत जागरूकता अभियान चलाया गया। जिसमें मुख्य रूप से भोजपुरी लोक कलाकार सह उच्च सह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय आंदर की संगीत शिक्षिका रागिनी सिंह शिवरतन के अलावा तबला पर सोनू चौरसिया, हारमोनियम पर रंजन सिंह, पियानो पर मुकुश कुमार और कुमार विनीत, चंग पर पंकज राजधानी सहित कई अन्य के द्वारा संगीत के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस अवसर पर सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सिफार) के क्षेत्रीय कार्यक्रम समन्वयक धर्मेंद्र रस्तोगी, स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के स्टाफ नर्स प्रीतम कुमार और पीरामल स्वास्थ्य के पीओसीडी रितेश राज सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे।
संगीत शिक्षिका रागिनी सिंह शिवरतन ने अपने गीत के माध्यम से "फाइलेरिया उन्मूलन अभियान अभियान रजऊ, ले ल ज्ञान रजऊ, रखीह ध्यान रजऊ, एके दवा खा ल बाचल रही जान रजऊ.....
मच्छर से काटला से होला फाइलेरिया, एके गो से केतने लोग में धरी ई बेमरिया, संक्रमण हटे बढ़ी बार बार रजऊ......
सुन लो मेरे भईया दीदी, फाइलेरिया रोग ही जिद्दी,
दवा खा लो एक ही खुराक, वरना जीवन कर देगा खाक।
ए हैं लाइलाज बीमारी, कितनों की जान ले डाली,
अब से भी खोलो मन की आंख वरना......
सुन ए भईया, भाई दीदी हमार हो,
सुन ए चाचा चाची दादी हमार हो,
फाइलेरिया जस बीमारी से बचईह परिवार हो।
रतिया में सूतअ मच्छरदानी लगाई के, MDA दवा तोहके मुफत में दिआई, गली गली साफ सुथरा रखीह दुआर हो,
फाइलेरिया जस दुश्मन से बचईह परिवार हो।।
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ ओम प्रकाश लाल ने बताया कि सामान्य तौर पर मच्छरों के काटने से होने वाला रोग फाइलेरिया से सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर साल सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम चलाया जाता है। इस दौरान 02 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को आशा कर्मियों द्वारा घर- घर जाकर उम्र के हिसाब से डीईसी व एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जा रही है। इसके सेवन से लोग फाइलेरिया ग्रसित होने से सुरक्षित हो जाते हैं। अगर किसी व्यक्ति में फाइलेरिया तत्काल में ही शुरू हुई है तो उसके इन दवाओं के सेवन करने से माइक्रोफाइलेरिया जल्दी खत्म हो जाता है। यह दवा फाइलेरिया के परजीवियों को मार देती है और लोगों को हाथीपांव व हाइड्रोसील जैसी बीमारियों से बचने में मदद करती है। यह दवा पेट के अन्य खतरनाक कीड़ों को भी खत्म करता है तथा खुजली एवं जू से भी लोगों को सुरक्षित रखता है।
सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाने में स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इस क्रम में स्वास्थ्य विभाग के साथ- साथ सहयोगी संस्थान के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता भी एकजुट होकर लोगों को जागरूक करने में जुट हुए है। आंदर प्रखंड मुख्यालय स्थित उच्चतर माध्यम विद्यालय की संगीत शिक्षिका रागिनी सिंह शिवरतन ने नटराज गुरुकुल संगीत महाविद्यालय की टीम के साथ भोजपुरी लोकगीत के माध्यम से स्थानीय प्रखंड सहित जिले के अलावा सोशल मीडिया साइट्स के माध्यम से सर्वजन दवा सेवन करने के लिए जागरूक करने में जुटी हुई हैं। फाइलेरिया जैसी बीमारी के दुष्प्रभाव और उन्मूलन में एमडीए की महत्ता की जानकारी गीत संगीत के माध्यम से दी जा रही है। वहीं सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) राउंड को सफल बनाते हुए ज्यादा से ज्यादा लाभुकों को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कराए जाने के साथ ही जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।