कालाजार उन्मूलन अभियान -
जिले के दरौली, आंदर और हसनपुरा प्रखंडों को छोड़ शेष सभी प्रखंडों में कालाजार छिड़काव की प्रक्रिया शुरू: डॉ ओपी लाल
वीबीडीएस, बीएचआई, बीएचडब्ल्यू, कालाजार कैंप प्रभारी सहित पिरामल स्वास्थ्य के अधिकारियों को मिला एक दिवसीय प्रशिक्षण!
विगत तीन वर्षों में कालाजार मरीजों में आई भारी गिरावट: डीवीबीडीसी
सिवान (बिहार): विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने वर्ष 2030 तक कालाजार जैसी बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है। लेकिन, सरकार ने देश से इस बीमारी को जल्द से जल्द मिटाने के लिए लक्ष्य रखा है। क्योंकि स्वास्थ्य विभाग और सरकार का पूरा फोकस वेक्टर जनित रोगों के उन्मूलन पर टिकी हुई है। उक्त बातें जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी (डीवीबीडीसीओ) डॉ ओम प्रकाश लाल ने कार्यालय परिसर में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान उपस्थित सभी प्रतिभागियों से कही। उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक सह वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा जारी दिशा निर्देश के आलोक में कालाजार जैसी बीमारी के नियंत्रण को लेकर सिन्थेटिक पायराधायड (एसपी) छिड़काव की महता को देखते हुए किसी भी रूप में कोताही नहीं बरती जाएगी। जिले के तीन प्रखंड यथा - दरौली, आंदर और हसनपुरा प्रखंडों में कालाजार छिड़काव नहीं होगा। लेकिन शेष सभी 16 प्रखंडों के स्वास्थ्य उपकेंद्र (एचएससी) के अंतर्गत आने वाले 465098 जनसंख्या वाले 87395 घरों के 288041 कमरों में छिड़काव कार्य संपादित किया जाना है। जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों के 97 पंचायत और शहरी क्षेत्र के 4 वार्ड को शामिल किया गया है।
इस अवसर पर डीवीबीडीसीओ डॉ ओम प्रकाश लाल, डीवीबीडीसी नीरज कुमार सिंह, वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी (वीडीसीओ) प्रीति आनंद, कुंदन कुमार और विकास कुमार, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सिफार) के डीपीसी धर्मेंद्र रस्तोगी सहित सभी वीबीडीएस, बीएचआई, बीएचडब्ल्यू, कालाजार कैंप प्रभारी और पिरामल स्वास्थ्य के मौजूद रहे।
विगत तीन वर्षों में कालाजार मरीजों में आई भारी गिरावट:
डीवीबीडीसी
जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार (डीवीबीडीसी) नीरज कुमार सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी) को लेकर कालाजार उन्मूलन अभियान कार्यक्रम के तहत सिंथेटिक पायराधायड (एसपी) छिड़काव कार्य सही तरीके और शत प्रतिशत पूरा कराने के लिए जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों यथा - रेफरल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में कार्यरत जिले के सभी वेक्टर जनित रोग पर्यवेक्षक (वीबीडीएस), प्रखंडों स्वास्थ्य निरीक्षक, प्रखंड स्वास्थ्य कार्यकर्ता और कालाजार कैंप प्रभारी सहित पिरामल स्वास्थ्य के अधिकारियों को एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित कर प्रशिक्षित किया गया है। प्रशिक्षण के दौरान जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यालय में कालाजार छिड़काव से संबंधित माईक्रोप्लान, गठित टीम, पंप और बाल्टी की अद्यतन स्थिति की जानकारी लेने के बाद प्रशिक्षण दिया गया है। इसके बाद सभी उपरोक्त पदाधिकारियों द्वारा संबंधित स्वास्थ्य संस्थान के अंतर्गत आने वाले छिड़काव कर्मियों को निश्चित रूप से प्रशिक्षण सुनिश्चित कराएंगे। क्योंकि छिड़काव के दौरान किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मालूम हो कि विगत 2022 में 109, 2023 में 64 जबकि 2024 के दिसंबर तक मात्र 48 कालाजार (वीएल और पीकेडीएल) मरीजों की पहचान हुई है।