फाइलेरिया उन्मूलन अभियान-
सिविल सर्जन और विभागीय अधिकारियों ने संयुक्त रूप से फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कर किया विभिवत शुभारंभ:
लगभग 34 लाख 67 हजार लोगो को खिलाई जाएगी दवा: सिविल सर्जन
उम्र के हिसाब से करना होगा फाइलेरिया रोधी दवाओ का सेवन: डॉ ओपी लाल
सिवान (बिहार): फाइलेरिया रोग से मनुष्यों में अपंगता हो जाती है और वह इससे उबर नहीं पाता है। इसलिए यह दवा सभी को खानी चाहिए। क्योंकि दवा खाना ही एक मात्र इस रोग का बचाव है। उक्त बातें सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने सदर प्रखंड के जियाय गांव स्थित राजकीय मिडिल स्कूल परिसर में राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत दो प्रकार की फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करने के बाद सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए) की शुरुआत के दौरान कही। हालांकि जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों के द्वारा इसका कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस अभियान में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की टीम लोगों को दवा देकर नहीं आएगी बल्कि अपने समक्ष खुद दवा खिलाएगी, जिससे शत प्रतिशत लोगों को दवा खिलाई जा सके। इस दवा के खाने से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है, लेकिन जिन लोगों में फाइलेरिया के कीटाणु होंगे उन्हें दवा खाने पर चक्कर आ सकता है परंतु इससे घबराने की जरूरत नहीं है। सबसे अहम बात यह है कि फाइलेरिया रोग से संक्रमित व्यक्ति सामान्य व्यक्ति की तरह ही दिखता है, क्योंकि किसी भी व्यक्ति को संक्रमण के पश्चात बीमारी का पता लगने में 5 से 15 वर्ष तक लग सकता है। इसलिए एमडीए के दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा मुफ्त में दी जाने वाली फाइलेरिया रोग की दवा जरूर खाएं। इसके साथ ही मच्छरदानी का प्रयोग करें और अपने आसपास गंदा पानी न इकट्ठा होने दें।
राजकीय मिडिल स्कूल परिसर में जिला स्तरीय सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) का विधिवत उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद और जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ ओम प्रकाश लाल के द्वारा संयुक्त रूप से फीता काट कर किया गया। वहीं स्थानीय गांव के पांच फाइलेरिया मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण भी किया गया। वही दूसरी तरफ हसनपुरा प्रखंड के एचडब्ल्यूसी गायघाट के सीएचओ अमरजीत हरिजन के नेतृत्व में पीएसपी दुर्गा लाल सोनी, सामाजिक कार्यकर्त्ता पूजा देवी, उपमुखिया अशोक सिंह, जनवितरण प्रणाली के दुकानदार बिरेद्र यादव, एएनएम अर्चना कुमारी, पुनिता देवी और नीतू देवी, आशा कार्यकर्ता उषा देवी और गुड़िया देवी सहित कई अन्य लोगों की उपस्थिति में फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कराया गया।
जबकि इस अवसर पर सदर पीएचसी के एमओआईसी डॉ नेसार, स्थानीय स्कूल की प्राचार्या तारा कुमारी, डीवीबीडीसी नीरज कुमार सिंह, बीडीसीओ प्रीति आनंद, विकास कुमार और कुंदन कुमार, बीसीएम अर्चना गिरी, पीरामल स्वास्थ्य के कुमार कुंदन और मिथिलेश पाण्डेय, सिफार के डीपीसी धर्मेंद्र रस्तोगी, वीबीडीएस जावेद मियांदाद सहित पोषक क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता शामिल थी।
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ ओम प्रकाश लाल ने कहा कि जिले के सभी प्रखंडों में कुल जिले की 39 लाख 85 हजार 60 जनसंख्या है। हालांकि इस अभियान के दौरान जिले में 34 लाख 67 हजार को लक्षित किया गया है।फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में 02 वर्ष से 05 वर्ष के बच्चों को डीईसी तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली, 06 वर्ष से 14 वर्ष तक के लोगों को डीईसी की दो तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाई जाएगी। जिलेवासियों से अपील है कि आप सभी अल्बेंडाजोल का सेवन आशा या स्वास्थ्य कार्यकर्ता की उपस्थिति में चबाकर खाना है। जबकि अन्य गोली को निगलना है। हालांकि सबसे अहम बात यह है कि 02 वर्ष से कम उम्र के बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं को कोई भी दवा नहीं खिलानी है। इस कार्यक्रम की सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ- साथ सहयोगी संस्थान यथा- डब्ल्यूएचओ, पीरामल स्वास्थ्य, सिफार, जीविका, आईसीडीएस, एनसीसी, एनएसएस व अन्य संस्थानों के द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। ताकि, लोगों को सामुदायिक स्तर पर जागरूक किया जा सके। अभियान के सफल संचालन के लिए 1710 भ्रमणशील टीम का गठन किया गया है। जिनमें आशा कार्यकर्ता, आईसीडीएस की सेविकाएं और स्वास्थ्य कार्यकर्ता शामिल है। हालांकि टीम की निगरानी के लिए 173 पर्यवेक्षक को तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि एमडीए का यह अभियान 17 दिनों तक चलाया जाएगा। जिसमें प्रथम तीन दिन बूथ लगाकर दवाएं खिलाई जाएंगी। वहीं, 14 दिनों तक घर- घर जाकर दवा का सेवन कराया जाएगा।
ध्यान रखने योग्य अहम जानकारी:
- किसी भी हालत में खाली पेट दवा का सेवन नहीं करना है।
- स्वास्थ्यकर्मियों के सामने ही दवा खाना है।
- अल्बेंडाजोल की गोली चबाकर ही खाना है।
- फाइलेरिया से सुरक्षित रहने के लिए अपने घरों के आसपास गंदा पानी इकट्ठा न होने दें।
- सोते समय अनिवार्य रूप से मच्छरदानी का उपयोग करें।