कोंध भगवानपुर स्थित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर में नेत्र जांच शिविर का हुआ आयोजन!
कंप्यूटर या मोबाइल पर काम करते समय 15 मिनट के अंतराल पर आंखों को आराम देने के लिए दी गई सलाह!
सारण (बिहार): स्कूली छात्र और छात्राओं को आंखों की जांच वर्ष में एक बार जरूर करनी चाहिए। वहीं अगर किसी बच्चे की आंखों में चोट लगी हो तो इसे भी नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। उक्त बातें पानापुर प्रखंड अंतर्गत कोंध भगवानपुर गांव स्थित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर में नेत्र जांच शिविर के दौरान डॉ अंजू सिंह ने कही। उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के बाद स्कूली बच्चों में शियो मायोपिया और रियल मायोपिया की शिकायतें बढ़ी हैं। हालांकि दवा से शियो मायोपिया ठीक हो जाता है, लेकिन रियल मायोपिया के लिए चश्मा और दवाइयां दोनों जरूरी हैं। वहीं छपरा शहर के प्रसिद्ध नेत्र चिकित्सक डॉ शंभू कुमार ने कहा कि कोरोना के बाद सामान्य आंखों वाले को चश्मे की जरूरत पड़ गई है। जिस कारण चश्मे का पावर भी बढ़ गया है। कंप्यूटर या मोबाइल पर काम करने वाले को प्रत्येक 15 मिनट में एक बार आंखों का व्यायाम और आराम देना चाहिए।
उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य रामा शंकर प्रसाद ने कहा कि ठाकुर बाड़ी महिला विकास कल्याण समिति द्वारा आयोजित नेत्र जांच शिविर आयोजित कर दर्जनों ग्रामीण और स्कूल के शिक्षक के अलावा छात्र और छात्राओं का नेत्र चिकित्सक डॉ शंभू कुमार के द्वारा आंख जांच किया। वहीं
आंखों के बचाव और डायबिटीज का आंखों पर पड़ने वाले प्रभाव तथा बचाव के बारे में जागरूक किया गया। जबकि ग्रामीणों से कॉर्निया ट्रांसप्लांट, मोतियाबिंद के ऑपरेशन, ग्लूकोमा, डायबिटिक रेटिनोपैथी जैसी आंखों की बीमारियों की पहचान और इलाज की नई तकनीक पर विशेषज्ञों ने चर्चा की गई। इस अवसर पर ठाकुर बाड़ी महिला विकास कल्याण समिति की संस्थापिका डॉ अंजू सिंह, डॉ अल्का सिंह, डॉ शंभू कुमार, उक्त विद्यालय के प्राचार्य रामा शंकर प्रसाद, शिक्षक राजेश कुमार सिंह, गुड़िया कुमारी, मनीष मनोरंजन, अयाज, सुबोध कुमार सिंह, मणि शाही, प्रीति शाही, रवि कुमार, सूरज कुमार और रजनी कुमारी के अलावा कई अन्य लोग उपस्थित थे।