100 दिनों तक संचालित होने वाले कार्यक्रम के तहत लगा स्वास्थ्य जांच शिविर!
टीबी मुक्त भारत अभियान के लक्ष्यों की प्राप्ति के उद्देश्य से सिवान का हुआ चयन: डॉ अनिल कुमार सिंह
टीबी उन्मूलन में स्वास्थ्य संस्थानों के अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण: वर्ल्ड विजन इंडिया
सिवान (बिहार): जिले में 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान के तहत जिले के जीरादेई प्रखंड के तितरा पंचायत के तितरा बंगरा गांव स्थित जनवितरण प्रणाली के दुकानदार सच्चिदानंद सिंह के मकान पर स्थानीय ग्रामीणों के स्वास्थ्य जांच शिविर के माध्यम से पोर्टेबल एक्सरे मशीन द्वारा जांच की गई। इस अवसर पर बीएचएम अरविंद राय, सिफार के डीपीसी धर्मेंद्र रस्तोगी, सी - 19 के जिला समन्वयक पंकज कुमार सिन्हा, सामुदायिक कार्यकर्ता सुनील कुमार, एक्सरे टेक्नीशियन प्रतुल कुमार, एसटीएस जितेंद्र कुमार, सीएचओ अमरजीत कुशवाहा, एएनएम रंजना कुमारी, फार्मासिस्ट नरेंद्र कुमार, आशा फेसिलेटर अंजू देवी और मीरा देवी सहित कई अन्य ग्रामीण उपस्थित थे। इस अवसर पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अरुण कुमार ने बताया कि स्थानीय गांव में स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित कर उच्च रक्तचाप, मधुमेह और टीबी अभियान की शत-प्रतिशत सफलता के लिए पोर्टेबल मशीन से एक्सरे किया गया। क्योंकि एक्स-रे मशीन की तुलना में बहुत ही कम रेडिएशन की आशंका अल्ट्रा पोर्टेबल एक्सरे मशीन में होती हैं। यह सहज और सुगमता पूर्वक इस्तेमाल होने वाली एक्स-रे मशीन है। क्योंकि इसको बैग पैक की तरह आसानी से ऑपरेटर के द्वारा इस्तेमाल किया जा सकता है। वहीं यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सहायता से बहुत ही जल्द परिणाम सामने आ जाता है। हालांकि इसके संचालन के लिए भी विभाग से लाइसेंस लेना पड़ता है।
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत टीबी मुक्त भारत अभियान के लक्ष्यों की प्राप्ति के उद्देश्य से सिवान सहित राज्य के अन्य दस जिलांतर्गत 179 प्रखंडों के 3378 आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के माध्यम से लगभग 2.3 लाख लोग जो टीबी मरीजों के परिवार के सदस्यों का स्क्रीनिंग एवं जांच की कराई जा रही है। हालांकि इसके अलावा विगत पांच वर्षों में टीबी का उपचार करा चुके रोगियों, एचआईवी मरीजों तथा मधुमेह के मरीजों की जांच की जाएगी। साथ ही उक्त 10 जिलों के 13 कारागृह में रह रहे लगभग 13 हजार से अधिक बंदियों की भी जांच कराई जाएगी। इसके लिए ट्रू नाट मशीन, सीबी नाट एवं माइक्रोस्कोपी सेंटर की व्यवस्था की गयी है। वहीं क्लिंटन हेल्थ एक्शन इनिशिएटिव टीबी अलर्ट इंडिया के सहयोग से अल्ट्रा पोर्टेबल हैंड हेल्ड एक्सरे मशीन को भी टीबी स्क्रीनिंग के लिए उपयोग किया जा रहा है। जिले में सौ दिन तक संचालित होने वाले कार्यक्रम के तहत आज तीसरे दिन तीतरा पंचायत के तितरा बंगरा में जिरादेई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारी और कर्मियों द्वारा स्वास्थ्य जांच शिविर लगाकर दवा का वितरण किया गया।
वर्ल्ड विजन इंडिया के सी - 19 कार्यक्रम के जिला समन्वयक पंकज कुमार सिन्हा ने बताया कि लगभग 42 प्रतिशत टीबी मरीजों की पहचान एक्से रे मशीन के द्वारा ही संभव हो जाता है। लेकिन टीबी उन्मूलन अभियान तभी संभव होगा जब अधिक से अधिक संदिग्ध मरीजों की जांच सुनिश्चित किया जाएगा। हालांकि कितने लोगों में बिना किसी लक्षण के भी टीबी होते हैं। ऐसे में एक्सरे जांच बहुत ही उपयोगी हो जाता है। इसके लिए सभी स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम, एसटीएस और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। इससे वैसे लोगों को भी सहुलियत होगी जो अस्पताल नहीं पहुंच पाते हैं। लेकिन सबसे अहम बात यह है कि पोर्टेबल एक्स- रे मशीन को मोबाइल उपकरण माना जाता है, क्योंकि इसे अस्पताल के अलावा विभिन्न स्थानों पर आसानी उपलब्ध कराया जा सकता है। क्योंकि यह एक बैटरी द्वारा आपूर्ति की गई इलेक्ट्रिक मोटर द्वारा संचालित होती है जो रेडियोग्राफर द्वारा न्यूनतम प्रयास के साथ मोबाइल यूनिट चलाने की गति में सहायता करता है। मोबाइल एक्स-रे सिस्टम का उपयोग अक्सर उन रोगियों की छाती की रेडियोग्राफी करने के लिए किया जाता है जिन्हें रेडियोलॉजी विभाग में नहीं ले जाया जा सकता है।