दिनेश चौहान का पर्यावरण संरक्षण संदेश
नमस्कार सम्मानित जनता,
मैं, दिनेश चौहान, रामदेवरा, जैसलमेर का निवासी, आप सभी से अपने दिल की गहराइयों से बात करना चाहता हूँ। हालाँकि मैं दृष्टिहीन हूँ, लेकिन प्रकृति के प्रति मेरा प्रेम और समर्पण अटूट है।
मेरी कहानी: राज्य सरकार द्वारा मुझे ₹1150 की विकलांग पेंशन प्रदान की जाती है, जिसे मैं पर्यावरण संरक्षण के कार्य में समर्पित करता हूँ। पेड़-पौधों की रखवाली, उनका रोपण और संरक्षण मेरा दैनिक कर्तव्य है। इस प्रयास से न केवल हमारे आस-पास का वातावरण सुधरता है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक स्वच्छ और हरित भविष्य सुनिश्चित करता है।
मेरा संदेश आप सभी के लिए:
"पेड़-पौधे हमारे जीवन के आधार हैं। जितनी तेजी से प्रकृति का दोहन हो रहा है, उतना ही आवश्यक है कि हम उसे सहेजें। पर्यावरण को बचाने का यह काम केवल सरकार या कुछ संस्थाओं का नहीं है, बल्कि हर एक नागरिक का कर्तव्य है। जितना हम प्रकृति को देंगे, उतना ही वह हमें लौटाएगी। हर एक व्यक्ति अपने स्तर पर पेड़ लगाकर, जल बचाकर और प्रदूषण कम करके प्रकृति का संरक्षण कर सकता है। आइए, हम सब मिलकर एक हरित और स्वच्छ भविष्य का निर्माण करें और अपने बच्चों को एक सुंदर धरती का उपहार दें।”
आपसे निवेदन:
पेड़ लगाएं: एक पेड़ न केवल हमारे पर्यावरण को स्वच्छ रखता है बल्कि जीव-जंतुओं के लिए भी आवास प्रदान करता है।
जल संरक्षण करें: जल संसाधनों का संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है। इसे व्यर्थ न करें।
प्रदूषण कम करें: प्लास्टिक का उपयोग कम करें, कूड़ा-कर्कट सही प्रकार से निपटाएं और स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग बढ़ाएं।
आखिरी शब्द: प्रकृति हमारी माँ है, और हमें उसकी रक्षा करना ही हमारी कर्तव्य है। आइए, हम सभी मिलकर इस धरती को एक स्वच्छ, हरित और स्वस्थ स्थान बनाएं। आपका सहयोग और समर्पण ही इस मिशन की सफलता की कुंजी है।
धन्यवाद।
दिनेश चौहान
रामदेवरा, जैसलमेर