राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस कार्यक्रम):
राज्य स्तरीय टीम द्वारा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र महादेवा का हुआ निरीक्षण!
अस्पताल द्वारा मरीजों को दी जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं का किया गया आंकलन!
सिवान (बिहार): राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) कार्यक्रम के तहत शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (यूपीएचसी) महादेव का दो सदस्यीय राज्य स्तरीय टीम द्वारा निरीक्षण किया गया। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने कहा कि दो दिवसीय मूल्यांकन टीम के द्वारा पहले दिन लक्ष्मीपुर जबकि दूसरे दिन महादेवा यूपीएचसी द्वारा मरीजों को मिलने वाली विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाओं की जांच और अंकेक्षण की गई है। इस दौरान अस्पताल में उपलब्ध सभी स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मियों की मरीजों के साथ होने वाले व्यवहारों का अंकेक्षण करते हुए सभी तरह की जानकारी ली गई। इसी को आधार बनाकर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को एनक्यूएएस प्रमाणीकरण के लिए अंक प्रदान किया जाएगा। अस्पताल का मूल्यांकन और अंकेक्षण के लिए राज्य स्तरीय टीम में यूनिसेफ के राज्य सलाहकार डॉ जगजीत सिंह और राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा नामित रमेश चंद्र कुमार द्वारा दो दिनों तक उक्त दोनों यूपीएचसी का मूल्यांकन किया गया। मूल्यांकन के लिए उपस्थित राज्य स्तरीय टीम के द्वारा भी स्वास्थ्य केंद्र में सभी उपलब्ध सुविधाओं का अवलोकन किया गया है। इसके साथ- साथ राज्य स्तरीय टीम द्वारा स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद मरीज और अभिभावकों से बातचीत कर मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी ली गई है। हालांकि सभी के द्वारा अस्पताल में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी दी गई।
स्वास्थ्य केन्द्र में उपस्थित मरीजों को दिए जा रहे सुविधाओं की ली गई जानकारी: मूल्यांकन टीम
मूल्यांकन और अंकेक्षण टीम में शामिल यूनिसेफ के राज्य सलाहकार डॉ जगजीत सिंह और नामित सदस्य रमेश चंद्र कुमार द्वारा संयुक्त रूप से बताया गया कि स्थानीय अस्पताल में मरीजों के लिए उपलब्ध संसाधनों की जानकारी लेने के साथ ही मरीजों को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं की जांच की गई। एनक्यूएएस के लिए शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों के लिए 12 तरह की सुविधाओं का उपलब्ध होना आवश्यक है। जिसमें मुख्य रूप से जनरल क्लीनिक के साथ- साथ मातृत्व स्वास्थ्य, नवजात शिशु और सामान्य शिशु की जांच सुविधा, गर्भवती महिलाओं और शिशुओं का टीकाकरण व्यवस्था, परिवार नियोजन सुविधा, संचारी रोग, गैर संचारी रोग नियंत्रण सुविधा, इमरजेंसी सुविधा, ड्रेसिंग की व्यवस्था, फार्मेसी व्यवस्था, लैबोरेटरी की सुविधा, अस्पताल परिसर में मरीजों के बैठने की व्यवस्था और अस्पताल प्रशासन की व्यवस्था महत्वपूर्ण है।
अंक के आधार पर स्वास्थ्य केंद्र को मिलेगा एनक्यूएएस प्रमाणपत्र: डीपीएम
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम विशाल कुमार ने बताया कि राज्य स्तरीय टीम द्वारा स्वास्थ्य केन्द्र में उपलब्ध स्वास्थ्य व्यवस्था की जानकारी लेने के साथ ही मरीजों को मिल रही स्वास्थ्य सुविधाओं का मूल्यांकन किया गया है। अस्पताल में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं के आधार पर यूपीएचसी महादेवा और लक्ष्मीपुर को राज्य स्तरीय मूल्यांकन टीम द्वारा एनक्यूएएस कार्यक्रम के तहत अंक प्रदान किया जाएगा। जबकि प्राप्त अंक के आधार पर उक्त दोनों यूपीएचसी का आंलकन प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। राज्य स्तरीय टीम द्वारा एनक्यूएएस कार्यक्रम के तहत प्रामाणिककारण होने के बाद संबंधित उक्त दोनों स्वास्थ्य केंद्र राष्ट्रीय प्रमाणीकरण के पात्र होंगे। क्योंकि अस्पताल का गुणवत्ता आश्वासन एक निरंतर एवं व्यापक प्रक्रिया है। इसका मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य संस्थाओं के सभी विभागों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना है। इसकी पूर्ति के लिए शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर गुणवत्ता पूर्ण समिति का गठन, अस्पताल के इंटरनल और बेसलाइन असेसमेंट, मरीज संतुष्टि का सर्वे, अस्पताल में होने वाले विभिन्न गतिविधियों का परफॉर्मेंस और देखभाल की गुणवत्ता आदि की जांच की जाती है। इसके आधार पर संबंधित अस्पताल को राज्य स्तरीय टीम द्वारा अंक प्रदान किया जाता है, जिसके तहत अस्पताल को एनक्यूएएस प्रमाणपत्र जारी किया जाता है।
एनक्यूएएस के तहत मूल्यांकन विधि के आधार पर मिलेगा अंक: डीसीक्यूए
जिला सलाहकार गुणवत्ता यक़ीन (डीसीक्यूए) डॉ कुमार अभिमन्यु ने बताया कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) के तहत मुख्य रूप से चार प्रकार की विधियों द्वारा अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की जाती है। इसमें अस्पताल का निरीक्षण, अस्पताल में उपलब्ध पंजी की समीक्षा, उपलब्ध मरीजों से मिली जानकारी और अस्पताल में उपलब्ध कर्मियों से विस्तृत चर्चा प्राप्त किया जाता है। मानक योग्य सभी घटकों, जांच बिंदुओं और अनुपालन का मूल्यांकन करने के बाद विभाग या स्वास्थ्य केंद्र के अंको की गणना कर अस्पताल को अंक प्रदान किया जाता है। इसके आधार पर अस्पताल को एनक्यूएएस प्रमाणपत्र जारी किया जाता है। हालांकि इसके प्रमाणीकरण के लिए आवश्यक रूप से सभी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध है। इसके लिए यहां कार्यरत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मियों द्वारा उपलब्ध मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय सहायता प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाता है जिससे कि पोषक क्षेत्रों के मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराया जाता हैं।
इस अवसर पर राज्य स्तरीय टीम में शामिल यूनिसेफ के राज्य सलाहकार डॉ जगजीत सिंह और विभागीय स्तर पर नामित सदस्य रमेश चंद्र कुमार, डीपीएम विशाल कुमार, डीसीक्यूए डॉ कुमार अभिमन्यु, यूपीएचसी के नोडल अधिकारी सह डीपीसी इमामुल होदा, सदर पीएचसी के एमओआईसी डॉ नेसार, बीएचएम महम्मद गुलाब रब्बानी, सीएफएआर के डीपीसी धर्मेंद्र रस्तोगी, पीरामल स्वास्थ्य के राकेश कुमार अकेला और रानी कुमारी गुप्ता, लेखापाल अमित कुमार सहित स्थानीय यूपीएचसी के चिकित्सा पदाधिकारी, स्टाफ नर्स, एएनएम, आशा फेसिलेटर और आशा कार्यकर्ता सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी मौजूद रहे।