मंतव्य: बिहार में शराब के अवैध कारोबार में युवकों की संलिप्तता और उसकी रोकथाम।
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✍🏻राजीव कुमार झा |
बिहार में शराबबंदी के साथ शराब का अवैध कारोबार भी शुरू हुआ और कुछ दिन पहले सारण में काफी लोग जहरीली शराब पीने से मर गये हैं। इनके घरों में मातम पसरा है। अवैध शराब की बिक्री में बाइक सवार लड़कों युवकों को भी इसके व्यापारियों ने लगाया और कालेज यूनिवर्सिटी कोचिंग में पढ़ने वाले ऐसे काफी छात्र जेल में हैं। इन लोगों को रुपये पैसे का प्रलोभन देकर इस काम में लगाया जाता है। सरकार के। लिए यह जरूरी है कि जीवन में भटकाव के शिकार छात्र के रूप में इनकी पहचान करके इनके ऊपर दर्ज मुकदमों को वापस लेकर इन्हें जीवनयापन के पथ पर अग्रसर किया जाए । इस दिशा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पहल करनी चाहिए। इन युवकों से जुर्माना लेकर और कोर्ट में कान पकड़कर उठा बैठी करवा कर इनको छोड़ देना चाहिए। इनसे शपथपत्र भी लिया जा सकता है। जेल जाने से ऐसे लोगों का परिवार सदमे में है और जेल में काफी भीड़-भाड़ भी हो गयी है।
बिहार में काफी छात्र युवक बेटिकट यात्रा में भी जेल की सजा काट रहे हैं और इनकी रिहाई कब होगी यह कहना मुश्किल है। अगर टिकट का दाम बढ़ने के कारण बिहार के छात्र युवक बेटिकट चलते हैं तो इनको रियायती दर पर टिकट दिया जाना चाहिए। अभी ये लोग कमाते नहीं हैं । सरकार पैसेंजर रेलगाड़ियां खत्म कर रही है और इसे घाटे का सौदा समझा जा रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री को इस बारे में रेलमंत्री से बातचीत करना चाहिए। बिहार में किउल रेलवे स्टेशन पर आए दिन छात्र युवा बेटिकट यात्री के रूप में पकड़े जाते हैं। बेहद गरीब इन छात्रों पर रेल प्रशासन को रहम करना चाहिए।