मंतव्य: बिहार में सरकारी पदों पर नवनियुक्त लोगों से अपराधियों द्वारा रंगदारी की वसूली!
बिहार में राज्य सरकार के द्वारा सिपाही, शिक्षक, दारोगा, मजिस्ट्रेट, डिप्टी कलक्टर और अन्य पदों पर भारी तादाद में लोगों की नियुक्ति हुई है और इसी के साथ नौकरी प्राप्त इन लोगों से धमकी देकर रुपयों पैसों की उगाही का धंधा भी जोर पकड़ता जा रहा है। पटना से प्रकाशित प्रभात खबर में कल 23/10/2024 के संस्करण में यहां जमुई के किसी ग्रामीण क्षेत्र में अपराधियों के द्वारा दो लाख की रंगदारी नहीं देने के एवज में किसी शिक्षक की बेरहमी से की गई पिटाई का समाचार पहला समाचार बना है। इस समाचार के साथ अपराधी की पिटाई से घायल शिक्षक का फोटो भी प्रकाशित हुआ है। अक्सर वर्तमान सरकार राजद शासन में अपराध के बढ़ने का जिक्र करती है लेकिन अपराधी जदयू और भाजपा सरकार के कार्यकाल में भी ताकतवर हैं। अपनी कमाई से किसी दूसरे को रंगदारी के रूप में रुपये पैसे देना किसी के लिए भी संभव नहीं है। नीतीश कुमार की सरकार ने कुछ दिन पहले सरकारी सेवकों के ऊपर हमले और हत्या के जुर्म में बनाए कठोर कानून को भी रद्द कर दिया है और ऐसे में राज्य में सरकारी सेवकों के प्रति अपराधियों का आतंक नये सिरे से कायम हो रहा है।
अब सरकारी कर्मचारी के रूप में सिर्फ चिकित्साकर्मियों को विशेष सुरक्षा प्राप्त है । उनका वेतन भी विशेष वृद्धि के तहत पहले से दोगुना दिया जाता है। जीतनराम मांझी की सरकार ने बिहार में पुलिसकर्मियों को एक महीने का विशेष वेतन देने की घोषणा की थी, लेकिन नीतीश कुमार सरकार ने सत्ता वापसी के बाद उनकी इस घोषणा को रद्द कर दिया था। शिक्षक अपराधियों के बच्चों को भी समान भाव से शिक्षा प्रदान करते हैं। यह बात अपराधियों बदमाशों को समझना चाहिए। कुछ दिन पहले लखीसराय में भी बदमाशों ने लाज शील संकोच भूलकर ड्यूटी पर तैनात अधिकारी और किसी महिला पुलिसकर्मी के साथ दुर्व्यवहार किया था। यह सामंती जीवन संस्कृति का इलाका है। अपराधी शानो शौकत से रहते हैं और स्वच्छंद विचरण करना पसंद करते हैं।