बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं से लैस फुलवरिया हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को मिला राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक का प्रमाण पत्र!
• राजस्तरीय मूल्यांकन में मिला 91 प्रतिशत स्कोर
• सरकार देगी आर्थिक प्रोत्साहन राशि
सारण (बिहार): स्वास्थ्य संस्थानों में जनमानस को सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता युक्त स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए विभाग संकल्पित है। मरीजों को गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने वाले सारण के मकेर प्रखंड के फुलवरिया हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) के मूल्यांकन में खड़ा उतरा है। रास्तरीय मूल्यांकन में 91 प्रतिशत स्कोर प्राप्त हुआ है। फुलवरिया हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर ने राज्य स्तर ने राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) का प्रमाण पत्र हासिल कर लिया है। सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं के आधार पर राज्यस्तरीय और राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) प्रमाणपत्र जारी किया जाता है। एनक्यूएएस प्रमाणपत्र मिलने पर अस्पताल को बेहतर सुविधा जारी रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा अतिरिक्त सहायता राशि भी प्रदान की जाती है। एनक्यूएएस मानक के अनुसार अस्पताल को तैयार करने के बाद राज्य और केंद्र स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा अस्पताल का मूल्यांकन करते हुए अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर अस्पताल को अंक प्रदान किया जाता है। जिसमे सारण जिले के फुलवरिया हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को राजस्तरीय मूल्यांकन में 91 प्रतिशत अंक मिला है। अब राष्ट्रीय प्रमाणीकरण के लिए आवेदन किया जायेगा। इस उपलब्धि में जिला स्तर से लेकर प्रखंड स्तर तक के पदाधिकारियों कर्मियों और सहयोगी संस्था के प्रतिनिधियों का महत्वपूर्ण योगदान है।
12 मानकों के आधार पर सर्टिफिकेशन:
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों का राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक सर्टिफिकेशन 12 मानकों के आधार पर किया जाता है। गर्भवती की देखभाल व प्रसव, नवजात व शिशु की देखभाल, बाल व किशोरी स्वास्थ्य सेवाओं के साथ टीकाकरण, परिवार नियोजन व गर्भ निरोधक सेवाएं तथा अन्य प्रजनन स्वास्थ्य सेवाएं, सामान्य संचारी रोगों का प्रबंधन तथा अन्य साधारण बीमारियों व कमजोरी का इलाज तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत संचारी रोगों का प्रबंधन, गैर संचारी रोगों की पहचान, रोकथाम व प्रबंधन, मानसिक रोगों की पहचान तथा इसका बुनियादी प्रबंधन, आंख, नाक, कान व गला संबंधी बीमारियों की जांच, मुंह संबंधी सामान्य बीमारियों की की जांच, बुजुर्गों संबंधी (रक्तचाप, मधुमेह व हृदय रोग) रोगों की पहचान व सेवाओं के आधार पर मूल्यांकन किया जाता है।साथ हीं मरीजों की संतुष्टि, क्लीनिकल सर्विसेस, इनपुट, संक्रमण नियंत्रण, सपोर्ट सर्विसेस, गुणवत्तापूर्ण प्रबंध, आउटपुट जैसे मानकों की गुणवत्ता का मूल्यांकन किया जाता है। मानकों के आधार पर मूल्यांकन में खरा उतरने वाले स्वास्थ्य संस्थानों को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से गुणवत्ता प्रमाणपत्र जारी किया जाता है।
अब नेशनल सर्टिफिकेशन के लिए किया जायेगा आवेदन :
जिला स्वास्थ्य समिति के जिला योजना समन्वयक रमेश चंद्र कुमार ने बताया कि एनक्यूएएस के तहत दो प्रकार के प्रमाणन की व्यवस्था है। पहला राज्य प्रमाणन होता है जिसके तहत राज्य की टीम द्वारा मूल्यांकन किया जाता है। जब अस्पताल को राज्य द्वारा प्रमाणपत्र मिल जाता है उसके बाद संबंधित अस्पताल केंद्रीय प्रमाणन के पात्र बन सकता है। एनक्यूएएस प्रमाणीकरण के लिए अस्पताल में वह सभी व्यवस्था उपलब्ध होनी चाहिए जो उस स्तर के अस्पताल के लिए आवश्यक है। उन सभी विभागों के मूल्यांकन के बाद उसे मूल्यांकन टीम द्वारा अंक प्रदान किया जाता है। अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर 70 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने पर अस्पताल को एनक्यूएएस प्रमाणपत्र जारी किया जाता है। उन्होंने बताया कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर फुलवरिया में सभी व्यवस्था उपलब्ध है जिससे कि उसे एनक्यूएएस प्रमाणपत्र मिल सकता है।
बहुत बाधाओं का सामना करना पड़ा:
सीएचओ डॉ. वदना कुमारी ने बताया कि इस उपलब्धता को प्राप्त करने में बहुत बाधाओं का सामना करना पड़ा लेकिन सभी के सहयोग, मार्गदर्शन, मेहनत और समर्पण से स्वास्थ्य सेवाएं इन मानकों को छू पाई है। यह स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।