पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित होगा दह पुरैना ताल!
सारण (बिहार) संवाददाता मनोज सिंह: सारण जिले के रिविलगंज प्रखंड क्षेत्र से सटे पश्चिम माँझी के कौरुधौरु पँचायत अंतर्गत 58 एकड़ में फैले दह पुरैना ताल के दिन जल्द ही बहुरेंगे तथा आने वाले दिनों में दह पुरैना ताल के एक सिरे पर दो करोड़ रुपये की लागत से पँचायत सरकार भवन का निर्माण होगा। इसके अलावा लगभग तीन करोड़ रुपये की लागत से ताल के बीचोबीच हेचरी, तालाब एवम पार्क का निर्माण कर सौंदर्यीकरण कराया जाएगा। इसकी जानकारी देते हुए कौरुधौरु पँचायत के मुखिया पति उदय शंकर सिंह ने बताया कि सारण वन प्रमण्डल द्वारा दह पुरैना ताल के सौंदर्यीकरण के लिए भेजे गए प्रस्ताव को सारण जिला प्रशासन ने स्वीकार कर लिया है।
बता दें कि सारण जिला प्रशासन से उक्त महत्वाकांक्षी योजना को मूर्त रूप देने के लिए वन विभाग को प्रारूप तैयार करने का अनुमोदन कर दिया है। श्री सिंह ने बताया कि उक्त महत्वाकांक्षी योजना के पूरा कर लिए जाने के बाद वहाँ मछली पालन के अलावा मछली के बीज (जीरा) उत्पादन एवम पार्क व वृक्षारोपण आदि में स्थानीय किसानों व युवाओं के लिए रोजगार के अनेक अवसर सृजित होंगे तथा सारण के राजस्व वृद्धि के मामले में जबरदस्त तरीके से उछाल आएगा।
भूमि अतिक्रमण ने दह पुरैना ताल को बनाया संकरा व बदसूरत।
मुखिया पति ने बताया कि क्रमशः 52 एकड़ तथा अलग से छह एकड़ में फैले दह पुरैना ताल की जमीन पर अतिक्रमणकारियों द्वारा दशकों से भूमि अतिक्रमण करके उसे संकरा बना दिया गया है, जिससे मछली पालन तथा जल से कमल के फूल व पत्तल की आवक पर विपरीत असर पड़ा है। उन्होंने बताया कि दह पुरैना ताल की भूमि पर ठेकेदारों द्वारा अवैध तरीके से की गई खुदाई से कई लोग असमय काल कवलित भी हो चुके हैं।
माँझी की कई पंचायतों की पानी के संग्रह एवम सिंचाई हेतु अंग्रेजों ने कराया था ताल का निर्माण।
मुखिया पति ने बताया कि दशकों पूर्व उक्त ताल में कौरुधौरु पँचायत के अलावा माँझी, सोनबरसा, मरहा, मदनसाठ तथा बनवार आदि पँचायत क्षेत्रों से उक्त ताल में पानी के संग्रहण की सामुदायिक व्यवस्थाकी गई थी। इधर दशकों पूर्व से ही ताल की सम्पर्क नलियों पर अतिक्रमणकारियों द्वारा अनैतिक तरीके से अतिक्रमण कर लिए जाने से कारण आसपास के क्षेत्रों से सिर्फ बाढ़ व बरसात के पानी का ही संग्रहन हो पाता है। उन्होंने बताया कि सारण जिला प्रशासन द्वारा जल्द ही उक्त सरकारी भूमि की मापी कराकर दह पुरैना ताल को पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा तथा इस महत्वाकांक्षी योजना को मूर्त रूप देकर इसे पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा।