सदर अस्पताल सभागार में क्लिनिकल मैनेजमेंट ऑफ प्रोटोकॉल को लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित!
डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारी से बचाव के लिए सुरक्षित और नियंत्रण बेहद जरूरी: सिविल सर्जन
मच्छर जनित मरीज को प्रारंभिक अवस्था में चिन्हित कर समुचित इलाज करना पहली प्राथमिकताओ में शामिल: डॉ सुषमा शरण
गोपालगंज (बिहार): बरसात के मौसम में डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर घरों के आसपास बिखरे टूटे- फूटे बर्तनों, गमलों, टायरों, छोटे- छोटे प्लास्टिक या कागज के डिस्पोजेबल कप और नारियल के खोपरे आदि में जमा बारिश के पानी में लार्वा देते है, जो एक सप्ताह में मच्छर बन जाते हैं। इसे रोकने के लिए अपने घरों के आस- पास, छतो पर या घर के आस अंदर पानी जमा नही होने देना चाहिए। वही सप्ताह में दो बार कूलर का पानी बदलते रहना बेहतर होता है। क्योंकि एडीज मच्छर साफ पानी में पनपता है और दिन में ही काटता है। उक्त बातें सिविल सर्जन डॉ बीरेंद्र प्रसाद ने सदर अस्पताल परिसर स्थित सभागार में एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के दौरान कही। उन्होंने यह भी कहा कि डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारी से सुरक्षित और नियंत्रण के लिए सदर अस्पताल सहित जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थान में बेड आरक्षित करने के साथ ही जिले में रैपिड रिस्पांस टीम का भी गठन किया गया है। वही सदर अस्पताल में एक नियंत्रण कक्ष भी बनाया गया है।
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ सुषमा शरण ने कहा कि डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारी को जड़ से मिटाने और उचित प्रबंधन को लेकर राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनसीवीबीडीसी) द्वारा इस वर्ष भी क्लिनिकल मैनेजमेंट ऑफ प्रोटोकॉल को लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सदर अस्पताल गोपालगंज के सभागार में किया गया। प्रशिक्षण का संचालन डेंगू के नोडल पदाधिकारी डॉ सुषमा शरण एवं डॉ देवेश के द्वारा पीपीटी के माध्यम से किया गया। प्रशिक्षण के दौरान उपस्थित चिकित्सको को डेंगू के मरीज को प्रारंभिक अवस्था में चिन्हित कर समुचित इलाज से संबंधित विस्तृत जानकारी दी गई। ताकि चिकित्सक ससमय सही उपचार प्रारंभ करते हुए जटिलताओं को रोका जा सके। उपचार के साथ ही रोगियों को जागरूक करने और व्यापक पैमाने पर निरोधात्मक कार्रवाई प्रारंभ करने पर भी बल दिया गया। ताकि डेंगू के प्रसार को आसानी से रोका जा सके।
इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ बीरेंद्र प्रसाद, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अरविंद कुमार, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ सुषमा शरण, जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार अमित कुमार, वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी प्रशांत कुमार और विपिन कुमार सहित जिले सभी प्रखंडो के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और एक- एक चिकित्सा पदाधिकारी के अलावा निजी अस्पताल के कई चिकित्सको ने भाग लिया।