ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति द्वारा टीबी रोगियों के बीच हुआ पोषाहार वितरण!
पीएमटीबी मुक्त अभियान में ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति की अहम भूमिका: डीपीसी
टीबी उन्मूलन के लक्ष्य में हम सभी को जागरूक होने की जरूरत: डॉ अंजू सिंह
सारण (बिहार): संवाददाता सत्येन्द्र कुमार शर्मा: प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत सारण जिले में सर्वाधिक टीबी मरीजों को गोद लेकर उन्हें नियमित रूप से पोषाहार देकर टीबी मुक्त अभियान को शत प्रतिशत लागू करने में सतत प्रयत्नशील सामाजिक संस्था ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति द्वारा गुरुवार को साधनापुरी कार्यालय में पोषाहार वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए संस्था की सदस्य डॉ अलका सिंह ने संस्था द्वारा टीबी रोग से ग्रसित महिलाओं और बच्चियों के लिए निःशुल्क सिलाई कटाई प्रशिक्षण केंद्र खोलकर उन्हें स्वावलंबी बनाने की दिशा में किए जा रहे कार्यों के संबंध में विस्तार पूर्वक बताया। कार्यक्रम को ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति की संस्थापक सचिव डॉ अंजू सिंह और सदस्य डॉ अलका सिंह, अवकाश प्राप्त चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अमरेंद्र प्रसाद सिंहा, जिला यक्ष्मा विभाग के डीपीसी हिमांशु शेखर, डीईओ अनंत कुमार सहित कई के द्वारा संबोधित किया गया। जबकि मनीषा कुमारी, प्रीति सिंह, सुमन सिंह, रजनी कुमारी, अंजली कुमारी, कविता और शिल्पी सहित फूड बास्केट लेने वाले लगभग 53 टीबी मरीज उपस्थित रहे।
पीएमटीबी मुक्त अभियान में ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति की अहम भूमिका: डीपीसी
जिला यक्ष्मा कार्यालय के डीपीसी हिमांशु शेखर ने कहा कि सामाजिक स्तर पर समाज द्वारा टीबी मरीजों को तिरस्कार या कलंकित किया जाना यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम में सबसे बड़ा बाधक है। लेकिन इसके लिए आप सभी को जागरूक होने की जरूरत है। टीबी बीमारी की जांच एवं उपचार की सुविधा सरकार द्वारा निशुल्क उपलब्ध करायी जाती है। हालांकि निक्षय मित्र योजना टीबी मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहा है, क्योंकि विशेष रूप से उनके पोषण का ध्यान रखा जाता है। ताकि जल्द से जल्द मरीज ठीक हो सके। कमजोर प्रतिरोधक क्षमता और कुपोषण टीबी के प्रमुख कारण हैं। लेकिन जनजागरूकता से ही लगाम लगायी जा सकती है। पौष्टिक आहार वितरण समारोह के दौरान उस्प्थित सभी मरीजों से कहा कि सरकार द्वारा दी जा रही प्रोत्साहन राशि को डीबीटी के रूप में उनके खाते में ट्रांसफर कर दिया गया है।
टीबी उन्मूलन के लक्ष्य में हम सभी को जागरूक होने की जरूरत: डॉ अंजू सिंह
संस्था प्रमुख डॉ अंजू सिंह ने बताया की देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत वर्ष 2025 तक जिले से टीबी को पूरी तरह से उन्मूलन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। लेकिन इसके लिए हम सभी को जागरूक होने की जरूरत है। कुछ मरीज इलाज कराने के लिए निजी अस्पताल चले जाते हैं। फिर वहां से निराश होकर सरकारी अस्पताल में उपचार और जांच कराया जाता है। लेकिन ऐसा करने की कोई आवश्यकता नहीं है। टीबी बीमारी से संबंधित भनक लगते ही सरकारी अस्पताल जाकर अपना जांच कराएं। साथ ही विभाग द्वारा दी जाने वाली निःशुल्क दवा को नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। क्योंकि हर सरकारी अस्पतालों में टीबी का इलाज के साथ साथ मुकम्मल निगरानी और अनुश्रवण की व्यवस्था उपलब्ध है। सर्वे में पता चला है की दवा के साथ- साथ पौष्टिक आहार का सेवन करना टीबी रोगियों को बहुत ज्यादा कारगर साबित हो रहा है। साथ ही टीबी जैसी बीमारी से शीघ्र ही मुक्ति मिलती है। हालांकि संस्था का हर संभव प्रयास रहता है कि गोद लिए गए टीबी मरीजों को नियमित रूप से पौष्टिक आहार के रूप में पोटली मिलता रहे।