डायरिया उन्मूलन के लिए 23 जुलाई से 22 सितंबर तक चलेगा दस्त रोकथाम अभियान!
लगभग 64 हजार जिंक सल्फेट 20 एमजी का टैबलेट और 48 हजार ओआरएस पैकेट सभी स्वास्थ्य केंद्रों को करा दिया गया उपलब्ध!
आसानी से ओआरएस घोल और जिंक गोली की उपलब्धता के लिए लगाया जाएगा ओआरएस- जिंक कार्नर: डीपीएम
अभियान की शत प्रतिशत सफलता के लिए अनुश्रवण और पर्यवेक्षण के लिए जिला स्तरीय पर्यवेक्षण दल का किया गया गठन: डीसीएम
सारण (बिहार): डायरिया के प्रसार को कम करते हुए इससे होने वाले शिशु मृत्यु को शून्य स्तर पर लाने के उद्देश्य से वर्ष 2024 में आयोजित दस्त रोकथाम अभियान का शुरू होने वाला है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत शिशु दस्त को शून्य स्तर तक लाने के लिए जिले में 23 जुलाई से 22 सितंबर 2024 तक दस्त रोकथाम अभियान चलाया जाएगा। जिले में 641796 जिंक सल्फेट 20 एमजी का टैबलेट और 483500 ओआरएस पैकेट का वितरण सभी स्वास्थ्य केंद्रों को उपलब्ध करा दिया गया है। इस दौरान जिले के 0 से 05 वर्ष तक के सभी बच्चों को ओआरएस पैकेट्स का वितरण करते हुए अभियान के दौरान दस्त से ग्रसित बच्चों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिंक की गोलियां उपलब्ध कराई जाएगी जिसका उपयोग करते हुए संबंधित बच्चे डायरिया बीमारी ग्रसित होने से सुरक्षित रह सकते हैं।
डायरिया के प्रसार को कम करना है अभियान का मुख्य उद्देश्य: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि 0 से 05 वर्ष तक के बच्चों के डायरिया से होने वाले मृत्यु का मुख्य कारण निर्जलीकरण के साथ इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी होना है। ओआरएस और जिंक के प्रयोग द्वारा डायरिया से होने वाले मृत्यु को आसानी से टाला जा सकता है। जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 23 जुलाई से 22 सितंबर तक दस्त रोकथाम अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के दौरान अंतर्विभागीय समन्यवय द्वारा संबंधित लोगों को दस्त के रोकथाम के उपायों, दस्त होने पर ओआरएस एवं जिंक के प्रयोग की समझ विकसित करते हुए दस्त के दौरान उचित पोषण तथा समुचित इलाज उपलब्ध कराई जाएगी। ताकि संबंधित बच्चों को डायरिया ग्रसित होने से सुरक्षित किया जा सके।
आसानी से ओआरएस घोल और जिंक गोली की उपलब्धता के लिए लगाया जाएगा ओआरएस- जिंक कार्नर: डीपीएम
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविंद कुमार ने बताया कि जिले के सभी प्रखंडों के स्वास्थ्य केंद्रों और उपकेंद्रों के साथ अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में शामिल शहरी झुग्गी झोपड़ी, कठिन पहुंच वाले क्षेत्र, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र, घुमंतू-निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के परिवार, ईंट भट्ठे वाले क्षेत्र, अनाथालय तथा ऐसा चिन्हित क्षेत्र जहां दो- तीन वर्ष पूर्व तक दस्त के मामले अधिक पाए गए हों वहां ओआरएस- जिंक कार्नर लगाया जाएगा ताकि संबंधित क्षेत्र के लोगों को आसानी से ओआरएस घोल और जिंक गोली उपलब्ध हो सके। 05 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के परिजनों को बच्चों के दस्त ग्रसित होने के लक्षण दिखाई देने पर नजदीकी अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मी से संपर्क स्थापित करते हुए बच्चों का इलाज सुनिश्चित करवाया जाना चाहिए, ताकि बच्चा डायरिया ग्रसित होने से सुरक्षित रह सके।
अभियान की शत प्रतिशत सफलता के लिए अनुश्रवण और पर्यवेक्षण के लिए जिला स्तरीय पर्यवेक्षण दल का किया गया गठन: डीसीएम
जिला सामुदायिक उत्प्रेरक ब्रजेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि इस अभियान की शत प्रतिशत सफलता के लिए अनुश्रवण और पर्यवेक्षण के लिए जिला स्तरीय पर्यवेक्षण दल का गठन किया गया है। जिसमें मुख्य रूप से सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा को जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थान, एसीएमओ को शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सदर पीएचसी, डीआईओ को पानापुर, तरैया और रिविलगंज, डीवीबीसीसीओ को दरियापुर, परसा और सोनपुर, सीडीओ को गरखा, दिघवारा और लहलादपुर, एनसीडीओ को मसरख, इसुआपुर और मांझी, डीपीएम को नगरा और मढ़ौरा, डीपीसी को मकेर और अमनौर जबकि डीसीएम सह कार्यक्रम के नोडल अधिकारी को बनियापुर, एकमा और जलालपुर के अलावा जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों के लिए पर्यवेक्षीय पदाधिकारी बनाया गया है।