जेपी सेनानियों द्वारा आपातकाल के दिनों को किया गया याद, हुआ संगोष्ठी का आयोजन!
सारण (बिहार): देश में आपातकाल के 50वें वर्षगांठ के अवसर पर मंगलवार को लोक नायक जय प्रकाश नारायण की जन्मस्थली सिताब दियारा के लाला टोला में जेपी सेनानी सम्मान समारोह सह जन सुराज संवाद का आयोजन "आपातकाल, जेपी और जातीय जकड़न में बिहार" का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन जेपी सेनानियों द्वारा जेपी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर व मंच पर संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
सारण के प्रख्यात जेपी सेनानी रामायण जीवन दानी की अध्यक्षता में आयोजित संवाद कार्यक्रम में वक्ताओं द्वारा उपरोक्त विषय पर अपनी- अपनी बातें रखीं गई। प्रो पृथ्वीराज सिंह ने आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए इतिहास के उन घटनाओं का संक्षिप्त विवरण पेश किया, जिसकी प्रतिक्रिया में तत्कालीन सत्ता ने आपातकाल की घोषणा की थी। वहीं जेपी सेनानी सियाराम सिंह ने जातीय जकड़न और लोकतंत्र के संबंध में जेपी आंदोलन के समय प्रचलित नारे को पुनः दोहराया: ”जाति युद्ध बंद करो जीने का प्रबंध करो"। जबकि लगनदेव तिवारी ने जेपी के जनता के सरकार बनाम जनता ही सरकार के व्याख्या की।
जेपी सेनानी कन्हैया सिंह तूफानी ने आपातकाल की विषम परिस्थितियों पर चर्चा करते हुए कहा कि जेपी तब युवाओं के दिशाबोध के सर्वमान्य नेता के रूप में उभरे थे। लेकिन आज का युवा उन आदर्शों से विमुख और दिशाहीन हो गया है। गांधीवादी चिंतक सह पत्रकार मोहन सिंह ने कहा कि लोकतंत्र के उस काला अध्याय के दिनों से सीख लेनी की जरूरत है। लेकिन आज के इस युग की विडंबना यह है जिन शक्तियों ने लोकतंत्र को ध्वस्त किया, वही आज संविधान की रक्षा की बात करते हैं। युवा पीढ़ी को उन घटनाओं से सबक सीखनी चाहिए।
अध्यक्षीय वक्तव्य में रामायण सिंह जीवनदानी ने कहा कि जेपी के लोकतंत्र का सपना समाज के उस अंतिम व्यक्ति तक सत्ता और संपत्ति को पहुंचाना था, जिससे वह अबतक महरूम है। इस कड़ी में सियाराम सिंह के साथ प्रत्येक भूमिहीन को सरकारी निर्णय के अनुसार तीन डिसमिल बासगीत भूमि उपलब्ध कराने का अभियान चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि युवा नेतृत्व ही बदलाव लाने में सक्षम है। जन स्वराज का वैचारिक आंदोलन इस दिशा में कारगर सिद्ध होगा।
कार्यक्रम में अशोक सिंह, आलोक सिंह, डॉ रामजी तिवारी, सुनील राय, मुखिया मनोकामना सिंह द्वारा संयुक्त रूप से जेपी सेनानियों को स्मृति चिन्ह और अंग वस्त्र देकर जन सुराज छपरा द्वारा सम्मानित किया गया। वही सभी जेपी सेनानियों ने जन सूराज अभियान से जुड़ने की इच्छा भी व्यक्त की। हालांकि कार्यक्रम का संचालन शिवानुग्रह सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन अजीत कुमार सिंह ने किया।