जनता का पैसा, जनता के साथ मजाक!
करोड़ों की लागत से बना ताजपुर पंप नहर: आज सिर्फ शोभा की वस्तु!
///जगत दर्शन न्यूज
सारण (बिहार): केंद्र या राज्य सरकार किसानों के लिए योजनाएं चला रही है, कारण किसानों को खेती करने में कोई असुविधा न हो। माँझी प्रखंड के ताजपुर में किसानों की सुविधा को देखते हुए दाहा नदी पर करोड़ों की लागत वाली पंप नहर योजना तैयार तो हुआ, परंतु अब यह योजना सिर्फ हवा हवाई बनकर रह गयी है। इस सूखे के मौसम में किसानों को सिंचाई के लिए सरकारी स्तर पर कोई व्यवस्था नहीं की गई है। सरकारी नलकूप हों या नहर या पंप नहर, सभी की स्थित बद से बदतर है। प्रखंड में किसानों को बेहतर सुविधा मिल सके, पानी का दुरूपयोग न हो, इसके लिये नहरों पर करोड़ों खर्च कर सभी नहरों को पक्कीकरण भी करा दिया गया, लेकिन किसानों को आज तक उस नहर के रास्ते पानी नसीब नहीं हुआ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का किसानों के प्रति देखा हुआ सपना, सपना ही रह गया। भीषण गर्मी में जून के महीने में खेतों की बुआई करने के लिये धान का बिचड़ा डालने का समय है। मगर जल की समुचित व्यवस्था नही होने के कारण कई किसानों का कहना है कि नहर से पानी मिलता तो अब तक धान का बिचड़ा तैयार हो गया होता।
पम्प नहर के चालू होने से लाखों किसानों को सिचांई को लेकर आर्थिक बोझ नहीं उठानी पड़ती। पम्प नहर परियोजना लगने से किसानों को पूर्ण भरोसा था कि अब यहां के किसान हरियाणा की तर्ज पर खेती कर खुशहाल होंगे, लेकिन उद्घाटन के समय ऐसा लगा कि अब माँझी के किसानों को सिंचाई के लिये पानी की कमी नहीं होगी। एक सीजन में किसानों ने पम्प नहर परियोजना का लाभ भी उठाया उसके बाद पम्प नहर परियोजना से सिंचाई के लिये किसानों को पानी नहीं मिला।
वहीं किसानों का कहना है कि जब भी पंप नहर योजना चालू होने की बात आती है, तो रिपेयरिंग के नाम पर लाखों रुपए की उगाही की जाती है। पूछने पर लोगों ने बताया कि यहां अधिकारी आते हैं, पंप नहर का निरीक्षण भी करते हैं और हर तरफ से फोटो खिंचवाकर चले जाते हैं। फिर दूसरा अधिकारी भी आते हैं इसी तरह फोटो खिंचवाकर चले जाते हैं। पूछने पर कहते हैं कि जल्द ही चालू होगा। पंप नहर परियोजना का हालत यह है कि जहां आधुनिक मशीन बैठाई गई हैं, उसे देखभाल भी करने वाला कोई नहीं है।