10 जून से स्कूलों का समय सारणी बदला! बच्चो और अभिभावकों की बढ़ी मुश्किलें!
प्रातः कालीन विद्यालय आकर बच्चे जायेंगे दोपहर बाद! मध्याहन भोजन दोपहर में!

///जगत दर्शन न्यूज
पटना (बिहार): बिहार सरकार के शिक्षा विभाग (माध्यमिक शिक्षा निदेशालय) के निदेशक सन्नी सिन्हा ने आदेश पत्र जारी कर बिहार के सभी सरकारी स्कूलों के लिए समय सारणी तय कर दिया है। इस पत्र में कहा गया है कि विभागीय आदेश ज्ञापांक 141, दिनांक 28.04.2014 द्वारा निर्णय लिया गया था, कि पूरे राज्य में प्रारंभिक एवं माध्यमिक विद्यालयों का संवालन ग्रीष्मावकाश के पूर्व तक पूर्वा० 06. 30 बजे से 11.30 बजे पूर्वाहन तक संचालित किया जाए एवं प्रारंभिक विद्यालयों में संबालित मध्याहन भोजन कराने की व्यवस्था 11.30 बजे से की जाए। उक्त के क्रम में ग्रीष्मकाल में दिनांक 10.06.2024 से दिनांक 30.06.2024 तक सभी विद्यालयों (प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक / उच्च माध्यमिक, संस्कृत विद्यालय, मदरसा विद्यालय सहित' विग्नदत करने का निर्णय लिया गया है। उक्त के परिप्रेक्ष्य में दिनांक 30.06.2024 तक के लिए समय सारिणी भी निम्न रूप से निर्धारित की गई है।
वहीं बताया गया है कि वर्ग 3-8 तक के विद्यार्थियों के लिए मिशन दक्ष के अतर्गत कक्षा संचालित होगी। कक्षा 9-12 तक के विद्यार्थियों के लिए नियमित कक्षा का संचालन होगा। जो बच्चे मिशन दक्ष से आच्छादित नहीं हैं उनके लिए खेलकूद, पेन्टिंग एवं अन्य सृजनात्मक गतिविधि कराई जाएगी।
वहीं 11.30 AM से 12.10 तक कक्षा 1-8 तक के छात्र/छात्राओं के लिए मध्याह्न भोजन कराया जाएगा। कक्षा 9-12 तक के छात्र/छात्राओं के लिए विशेष कक्षा का संचालन होगा। जो बच्चे विशेष कक्षा से आच्छादित नहीं हैं उनके लिए खेलकूद, पेन्टिंग एवं अन्य सृजनात्मक गतिविधि कराई जाएगी। साथ ही यह निर्देश दिया गया है कि प्रधानाध्यापक एवं शिक्षक / शिक्षकेत्तर कर्मी विद्यालय शुरू होने के 10 मिनट पूर्व ही विद्यालय में उपस्थित होना सुनिश्चित करेंगे। इस पर माननीय मंत्री का अनुमोदन प्राप्त है।
बच्चो और अभिभावकों के साथ समस्या!
जहां विद्यालय सुबह 6:30 बजे खोलने का आदेश दिया गया वही बच्चो और अभिभावकों के लिए समस्या फिर से उत्पन्न होती दिख रही है। दरअसल इसके लिए बच्चो को बिना घर का नाश्ता किए 6 बजे ही निकालना पड़ेगा। वहीं अब उन्हें भूखे पेट दोपहर के 11:30 बजे सकूल का खिचड़ी खाना पड़ेगा। वहीं बच्चो लगातार 11:30 बजे तक अर्थात लगातार 5 घंटे कक्षा में बैठ कर पढ़ाई करनी पड़ेगी। यह भी एक समस्या है।
जहां गर्मी की मार पर रही है वहीं भूखे पेट पढ़ाई करना एक कठिन टास्क होगा। एक तरफ स्वास्थ्य विभाग कहता है कि बच्चो को भूखे नही रखा जाए वहीं इस स्थिति में बच्चो के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ना निश्चित है। वहीं चमकी बुखार को लेकर भी खतरा बढ़ जाता है। स्कूल मॉर्निंग तो कहने के लिए है लेकिन छुट्टी तो बच्चो की 12: 30 ही होगी। प्रश्न है कि क्या गरीब के बच्चो के लिए यह समय सारणी उपयुक्त है?