बच्चों के सर्वांगीण विकास में अभिभावक एवं विद्यालय की भूमिका महत्वपूर्ण!
सारण (बिहार) संवाददाता वीरेश सिंह: बच्चों के सर्वांगीण विकास में अभिभावक एवं विद्यालय के बीच समन्वय की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। विद्यालय के द्वारा बच्चों की सफलता और उसके प्रगति के बारे में अभिभावक को समय-समय पर जानकारी मिलते रहे। वर्तमान समय में सिर्फ नॉलेज और फैक्ट्स के आधार पर शिक्षक बच्चों के साथ कनेक्ट नहीं हो सकते। ये सब जानकारी उन्हें गूगल जैसे प्लेटफॉर्म पर आसानी से उपलब्ध हैं। अब नॉलेज और फैक्ट्स को सामयिक उदाहरण एवं उपयोगिता के साथ जोड़ना होगा। प्रारंभिक कक्षा के बच्चों की जिज्ञासा चरम पर होती हैं। यही वो सही समय हैं, जब बच्चों की समय समय पर कॉउंसलिंग की जाय। इस भूमिका को अभिभावक और शिक्षक बखूबी निभा सकते हैं या फिर स्कूल इस कार्य को किसी पेशेवर कैरियर कॉउंसलर की मदद ले ताकि बच्चों की जिज्ञासा को शांत किया जाय। यह बातें माँझी के होली किड्स स्कूल में बच्चों और उनके शिक्षक से मुलाकात कर उनसे उनके पढ़ाई के बारे में जानकारी लेने के बाद विजय आंनद आई टी आई, कोहरगढ़ एकमा, के डायरेक्टर सह दिल्ली में विभिन्न संस्थानों में एजुकेशन कॉउंसलर के रूप में सेवा दे रहे श्री मिथलेश कुमार ने कही। इस दौरान उन्होंने छात्र और शिक्षकों के साथ संवाद भी किया।
बुधवार को स्कूल परिसर में बच्चों से खास मुलाकात कर स्कूली बच्चों के पढ़ाई, बच्चों के मानसिक एवं बौद्धिक विकास के बारे में जानकारी ली गई। उन्होंने कहा कि बच्चों का प्रथम पाठशाला घर ही होता है। हमारे अच्छे कार्य का प्रभाव बच्चों पर पड़ता है। बच्चों की प्रतिभा और रूचि का विशेष ध्यान गार्जियन ही रख सकते हैं। उसकी सफलता पर प्रोत्साहित करना मतलब बच्चों के मनोबल को आगे बढ़ाना है। स्कूल के प्रचार्य ने कहा कि व्यक्ति के सर्वांगीण विकास में शिक्षा का महत्वपूर्ण स्थान होता है। हमारी भाषा और संस्कृति विश्व में पहचान रखती है। माता पिता के महत्वपूर्ण सुझाव हमारे लिए अति आवश्यक है। इससे बेहतर कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। इस अवसर पर स्कूल के सभी शिक्षक शिक्षिकाएं मौजूद रहीं।