अंबेडकर जयंती की पूर्व संध्या पर सेमिनार व सम्मान समारोह का हुआ आयोजन!
सारण (बिहार) संवाददाता संजय पाण्डेय: नंदलाल सिंह महाविद्यालय जयपुर दाउदपुर सरण (जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा, बिहार) के सेमिनार हॉल में डॉक्टर अंबेडकर जयंती की पूर्व संध्या पर नन्द लाल सिंह महाविद्यालय जैतपुर - दाउदपुर, सारण एवं समभाव साहित्यिक संस्था बेतिया (पश्चिमी चंपारण) के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय सेमिनार व सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम में समभाव साहित्यिक संस्था द्वारा प्रोफेसर डॉ के.पी. श्रीवास्तव एवं जितेंद्र कुमार सिंह समाजसेवी को अंग वस्त्र, माला, मोमेंटो और अभिनन्दन - पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। यह सम्मान समभाव साहित्यिक संस्था के अध्यक्ष डॉ चन्द्रभान राम एवं संस्था के सचिव डॉ राजेश कुमार चंदेल द्वारा दिया गया। वहीं महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा मुख्य अतिथि डॉ राजेश कुमार चंदेल को भी अंगवस्त्र, माला और मोमेंटो प्रदान कर सम्मानित किया गया।
डॉ अंबेडकर जयंती के अवसर पर बच्चों की उपस्थिति से हर्ष- उल्लास का माहौल बना रहा। आज के एक दिवसीय सेमिनार का विषय :-'राष्ट्र निर्माण में डॉक्टर अंबेडकर का योगदान पर सभी विद्वान वक्ताओं ने अपने अपने विचार रखे। समारोह का शुभारंभ प्रथम वर्ष की -छात्राओं यथा: अनुराधा कुमारी, रागिनी कुमारी, अंजली कुमारी, खुशबू कुमारी, रीतु कुमारी, शिल्पी कुमार स्वागत गीत से किया गया। तत्पश्चात उपस्थित सभी वक्ताओं ने अपने-अपने विचार साझा किया। अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ के. पी. श्रीवास्तव ने डॉ अम्बेडकर की जयन्ती की सार्थकता पर गंभीरता से प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता डॉ राजेश कुमार चंदेल ने डॉ अम्बेडकर जयंती पर बोलते हुए कहा कि डॉ अम्बेडकर किसी खास वर्ग के नहीं बल्कि सभी मानवता के पक्षधर थे। उन्होंने सभी समाज उत्थान के उत्थान की बात कही। महिलाओं के अधिकार पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि के रूप में श्री जितेंद्र कुमार सिंह ने अपने विचार साझा किया। डॉ चंद्रभान राम ने संयोजक सह मंच संचालन करते हुए संस्था का परिचय देते हुए डॉ आंबेडकर के मिशन शिक्षित बनो संगठित बनो संघर्ष करो पर प्रकाश डाला। डॉ अम्बेडकर का कहना था कि अगर समाज और देश का उत्थान करना है तो शिक्षा का अलख जगाना होगा। शिक्षा हमें जगाती है, शोषण से बचाती है।छात्र- छात्राओं को ऐसे महापुरुष के जीवन से सीख लेनी होगी। डॉ प्रवीण पंकज ने वर्तमान परिपेक्ष्य में डॉ अम्बेडकर के विचारों को आत्मसात करना होगा। डॉक्टर शेखर कुमार जयंती पर बोलते हुए कहा कि संविधान लोकतंत्र का रीढ़ है। डॉ अम्बेडकर समरस समाज का निर्माण करना चाहते थे। डॉ उपेन्द्र कुमार ने कहा कि डॉक्टर अंबेडकर आज भी प्रासंगिक है उन्होंने महाड़, नासिक आन्दोलन का सूत्रधार रहे। डॉक्टर भीमराव के मिशन को आगे बढ़ाने में युवाओं के योगदान की सराहना की। डॉक्टर स्वर्गदीप शर्मा ने छात्र-छात्राओं से कहा कि हमें डॉक्टर अंबेडकर के विचारों से सीख लेनी होगी समाज को नई दिशा देना होगा। प्रथम वर्ष की छात्रा रोशनी कुमारी एवं साहिबा कुमारी ने अंबेडकर के द्वारा महिलाओं को दिए जाने वाले अधिकारों कर्तव्यों पर अपना विचार रखा सभी प्राध्यापकों को सहभागिता प्रमाण- पत्र समभाव साहित्यिक संस्था द्वारा दिया गया।
उपस्थित विद्वान प्राध्यापकों में डॉ भगवान ठाकुर, डॉ राकेश कुमार, डॉ जी. डी राठौर, डॉ संजय कुमार, डॉ इन्दु कुमारी, डॉ धनन्जय कुमार सिंह, डॉ राकेश रंजन, डॉ आशीष प्रताप सिंह, संजय कुमार सिंह, आलोक कुमार सिंह, दुर्योधन कुमार, राजकुमार आदि मौजूद रहे।