अन्नप्राशन दिवस पर बच्चों के विकास हेतु दिए गए टिप्स!
सिवान (बिहार): हसनपुरा प्रखंड के सभी पंचायतों में संचालित आगनबाड़ी केंद्रों पर मंगलवार को अन्न प्राशन दिवस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बच्चों के अभिभावक एवं ग्रामीणों सहित आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका आदि उपस्थित थे।
बच्चों के लिए क्या है आवश्यक?
इस दौरान अन्न प्राशन कार्यक्रम में उपस्थित सेविकाओं ने बताया कि शिशुओं के वजन, लंबाई, तंत्रिका प्रणाली एवं मस्तिष्क विकास के साथ सभी अंगों में संरचनात्मक एवं कार्यात्मक दृष्टिकोण से बहुत तेजी से विकास हेतु पौष्टिक व पूरक आहार की आवश्यकता होती है। इसलिए 6 माह के बाद शिशुओं के लिए स्तनपान के साथ अनुपूरक आहार देना चाहिए, जो 6 माह से 8 माह के बच्चों के लिए नरम दाल, दलिया, दाल-चावल, दाल में रोटी मसलकर अर्ध ठोस, खूब मसले साग एवं फल प्रतिदिन दो बार 2 से 3 भरे हुए चम्मच से देना चाहिए। ऐसे ही 9 माह से 11 माह तक के बच्चों को प्रतिदिन 3 से 4 बार एवं 12 माह से 2 वर्ष की अवधि में घर पर पका पूरा खाना एवं धुले एवं कटे फल को प्रतिदिन भोजन एवं नाश्ते में देना चाहिए।