के.के. पाठक से भी आगे निकल गए सिवान के डीईओ!
शाम 5:30 बजे तक स्कूल खोलने का दिया आदेश!
/// जगत दर्शन न्यूज़
सिवान (बिहार): अब सरकारी विद्यालयों में जहां शाम 5:00 बजे तक का समय सीमा निर्धारित किया गया था। वहीं सिवान जिले के डीईओ ने नया आदेश जारी कर अब सरकारी विद्यालयों में छात्र-छात्राओं तथा शिक्षकों को शाम 5:30 बजे तक रहने का आदेश जारी कर दिया है।
पहले आदेश के तौर पर सरकारी विद्यालय 4:00 बजे तक हीं चलते थे। वहीं बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के नए आदेश के अनुसार विद्यालय को 5:00 बजे तक संचालित करने का निर्देश दिया गया था। वहीं अब सिवान के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने पत्र जारी कर कहा है कि विद्यालय का नियमित कक्षा संचालन साढे तीन बजे तक तथा शाम को 3:30 बजे से लेकर 5:30 तक कोचिंग क्लासेज के तौर पर कमजोर छात्रों के लिए प्रत्येक शिक्षक 5-5 बच्चों को अडॉप्ट करके विशेष कक्षा संचालित करेंगे। वही कक्षा नहीं लेने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है।
मालूम हो कि मिशन दक्ष के तहत बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने नए निर्देश जारी कर कहा है कि 3:30 बजे तक कक्षा संचालित होंगे। पुनः 3:30 बजे से लेकर 4:15 बजे तक कमजोर छात्रों को पांच-पांच बच्चों का बैच बनाकर प्रत्येक शिक्षक विशेष कक्ष लेकर उन्हें दक्ष करेंगे। फिर शाम 4:15 बजे तक होमवर्क तथा शिक्षण टिप्पणी करेंगे। शिक्षा में नई सुधार की आशा को देखते हुए इस पर अमल भी शिक्षक करते रहे हैं। वहीं अब सिवान के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने ने यह निर्देश जारी कर दिया कि अब 3:30 से लेकर शाम 5:30 तक विशेष कक्षा लेंगे। इस प्रकार से बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक से भी एक कदम आगे निकलते दिख रहे हैं सिवान जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी। इस आदेश के अनुसार प्रत्येक शिक्षक कमजोर बच्चों के पांच-पांच छात्र-छात्राओं का बैच बनाकर उन्हें 3:30 बजे से लेकर शाम को 5:30 बजे तक दक्ष करते नजर आएंगे। वही जब प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों की कमी होगी तो उच्च माध्यमिक शिक्षकों को भी सहायता लेना होगा। वही कक्षा 9वी 10वीं 11वीं तथा 12वीं के कक्षा के कमजोर विद्यार्थियों को भी अब शिक्षकों को साढे पांच बजे शाम तक पढ़ना होगा।
वहीं अगर देखा जाए तो शाम के 5:30 तक कोई भी अभिभावक अपने बच्चों और बच्चियों को घर से बाहर छोड़ना नहीं चाहता है। क्योंकि शाम 5:00 बजे के बाद अंधेरा होने लगता है। वहीं छात्र-छात्राओं के साथ-साथ अभिभावकों का भी टेंशन बढ़ता नजर आ रहा है। वही जो शिक्षक तथा खास कर महिलाएं शिक्षक हैं उनको भी अब घर जाने में कठिनाई होगी। समस्या यह है कि इस ठंड भरी रात में आखिर कैसे शिक्षक अपने घर जाएंगे। शिक्षकों से बात करने पर पता चला कि अब तो उन्हें बाजार से सब्जी-राशन इत्यादि भी खरीदने में परेशानी हो रही है। वहीं महिला शिक्षिकाओं को तो यहां से स्कूल लौटने के बाद खाना पकाने तथा अन्य कार्यों को भी करने में मुश्किल लगता नजर आ रहा है।