बिहार: विशिष्ठ शिक्षक का बना प्रारूप नियोजित शिक्षकों के साथ छलावा: रजनीश कुमार मिश्र
सिवान (बिहार): बिहार में नियोजित शिक्षकों के समस्या हमेशा ही चलता रहा है। इसी वजह से बिहार में कई वर्षों से शिक्षकों ने अपने मांगों को लेकर जोरदार धरना प्रदर्शन भी किया है। अंतत आज अब स्थिति ऐसी आ गई है कि नियोजित शिक्षक जो कहलाते थे वह अब विशिष्ट शिक्षक के लिए भी लड़ाई लड़ने लगे हैं। फिलहाल शिक्षकों की अभी राज्य कर्मी का दर्जा को लेकर कई दिनों से मांग चली आ रही थी, इसके लिए जगह-जगह कई बार जोरदार धरना प्रदर्शन भी किया गया था। वही इस पर बिहार सरकार ने निर्णय लेते हुए राज्य कर्मी का दर्जा के लिए एक प्रपत्र भी जारी कर दिया जिसके अनुसार अब बिहार सरकार ने शिक्षकों का सक्षमता परीक्षा लेने का निर्णय लिया है। वहीं शिक्षकों में अब असमंजस की स्थिति आ चुकी है। जहां शिक्षकों का कहना है कि वह दक्षता परीक्षा तथा वे शिक्षक पात्रता परीक्षा देकर ही शिक्षक बने हैं। वहीं अब यह साक्षमता परीक्षा क्या है? सिर्फ इतना ही नहीं जो शिक्षकों पर हमेशा से नियोजित शब्द का प्रयोग किया जाता रहा है अब क्या विशिष्ट शिक्षक के रूप में जाना जाना उचित होगा? क्यों नहीं शिक्षकों के लिए सिर्फ शिक्षक पद ही रहने दिया जाए। इस पर भी अब आपत्ति जताते हुए शिक्षकों ने बिहार के हर जिले में अपना एतराज जाहिर करना शुरू कर दिया हैं तथा फिर से आंदोलन की चेतावनी भी रहे हैं।
हालांकि बिहार के सभी शिक्षकों से सक्षमता परीक्षा व विशिष्ट शिक्षक के विरूद्ध निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) ने ईमेल आईडी directorse.edu@gmail.com के जरिए 17अक्टूबर तक सुझाव व आपत्ति माँगा है। इसके लिए शिक्षकों ने ईमेल पर आपत्ति के साथ सुझाव भी दर्ज करना शुरू कर दिया है। जिसमे उपर्युक्त विभागीय परीक्षा रद्द कर सीधे राज्य कर्मी का दर्जा देने व अध्यापक के पद पर समायोजित करने हेतु माँगा होने लगा है।
वही टीईटी शिक्षक संघ के अध्यक्ष रजनीश कुमार मिश्रा ने भी अपना सुझाव सरकार को दिया है जो निम्न प्रकार से है:
1. तत्काल प्रभाव से बिना शर्त राज्यकर्मी की घोषणा।
2. वेतन निर्धारण प्रक्रिया को स्पष्ट करते हुए पूर्व से कार्यरत शिक्षकों को उनके वर्तमान इंडेक्स के अनुसार (अर्थात् जिन शिक्षकों को जितना वेतन वृद्धि का लाभ मिला है उतना वेतन वृद्धि का लाभ देकर) वेतन निर्धारण किया जाय।
3. पूर्व से कार्यरत स्नातक ग्रेड के शिक्षकों को (मध्य विद्यालय तथा हाई स्कूल) पूर्व की भांति एक समान वेतन का लाभ दिया जाय।ज्ञातव्य हो कि यह प्रक्रिया पूर्व से ही चली आ रही है और वर्तमान में भी स्नातक ग्रेड के मध्य विद्यालय तथा हाई स्कूल के शिक्षकों को एक समान वेतन व ग्रेड पे का लाभ मिल रहा है।
4. स्थानांतरण की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए अतिशीघ्र स्थानांतरण प्रारम्भ किया जाय ।
5. नियमित शिक्षकों की भांति छुट्टी, ग्रेच्युटी ,ग्रुप बीमा तथा एनपीएस आदि सभी प्रकार के लाभ से अच्छादित किया जाय।
6. पूर्व से मध्य विद्यालय में कार्यरत स्नातक ग्रेड के शिक्षकों को नियोजन नियमावली 2012 व 2020 में निहित प्रावधानों के आलोक में 5 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के उपरांत प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नत दिया जाय।बेसिक ग्रेड के शिक्षकों को भी उनकी सेवा 8 वर्ष पूर्ण होने के उपरांत स्नातक ग्रेड में प्रोन्नति दिया जाय।
7. नियमित शिक्षकों की भांति वित्तीय उन्नयन योजना के अंतर्गत 10, 20 व 30 की सेवा पूर्ण करने वाले पूर्व से कार्यरत शिक्षकों को प्रोन्नति का लाभ दिया जाए।