महाराजगंज के छह विधानसभा क्षेत्रों में एक एक चीनी मिल स्थापित कर किसानों मजदूरों व बेरोजगार नौजवानों के चेहरों पर मुस्कान लौटाई जा सकती हैं!: अजय सिंह
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सारण (बिहार) संवाददाता मनोज सिंह: महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र की छह विधानसभा क्षेत्रों में क्रमशः एक एक सुगर मिल स्थापित करके इस क्षेत्र के किसानों मजदूरों व बेरोजगार नौजवानों के चेहरों पर मुस्कान लौटाई जा सकती है। वर्ष 2030 से पहले इन क्षेत्रों में क्रमशः एक एक गन्ना मिल स्थापित कराने का मैं अपना संकल्प अवश्य पूरा करूंगा। यह बातें माँझी के डुमरी निवासी व समाजसेवी चन्द्रदेव सिंह के पुत्र तथा रांची में आयकर उपायुक्त के पद पर पदस्थापित आईआरएस अजय कुमार सिंह ने रविवार को माँझी के डुमरी स्थित विवाह भवन में मौजूद पत्रकारों से बातचीत के क्रम में कहीं।
उन्होंने कहा कि गन्ना मिल स्थापित कराने की दिशा में वे कृषि मंत्रालय के वरीय पदाधिकारियों तथा गन्ना के क्षेत्र से जुड़े बड़े उद्योगपतियों से लगातार संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि दशकों से इस क्षेत्र की लचर सिंचाई ब्यवस्था खासकर गंडक नहर परियोजना, पम्प नहर परियोजना,उद्वह जलस्रोतों तथा सरकारी नलकूपों की विफलता से कृषि के इस क्षेत्र में मौजूद अकूत सम्भावनाएं तार तार होकर रह गई हैं तथा यहाँ के हजारों किसान व मजदूर गरीबी व भुखमरी के शिकार होकर रह गए हैं। उन्होंने बताया कि सिंचाई के साधनों को पुनर्जीवित तथा मजबूत करने के अलावा इस क्षेत्र की कृषियोग्य भूमि से बर्बाद हो रही उर्वरक क्षमता को संरक्षित करके किसानों को खासकर गन्ने की खेती के लिए जागरूक करना सबसे जरूरी है।
उन्होंने बताया कि यहाँ के किसानों को यदि मूलभूत कृषि सुविधाये उपलब्ध करा दी जाय तो इस क्षेत्र में गन्ना के साथ साथ सब्जी व गेंहू, मक्का, सरसो, चना,अरहर तथा बाग बागवानी एवम फल फूलों की खेती के जरिये अनाज व फल के पैदावार में उम्मीद से अधिक उत्पादकता का इजाफा किया जा सकता है। इस क्षेत्र की उर्वरा व बाढ़ प्रभावित भूमि पर भी गन्ना के साथ साथ सब्जी व अनाज की खेती को बढ़ावा देकर उत्पादकता बढ़ाई जा सकती है। साथ ही यहाँ के बाजार को राष्ट्रहित में और अधिक सुदृढ और मजबूत बनाया जा सकता है, जिससे किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य प्राप्त हो सके। कृषि उत्पाद का उचित मूल्य मिलने से इस क्षेत्र के लोगों को पलायन तथा बेरोजगारी से सहज ढंग से मुक्ति दिलाई जा सकती है। गन्ना मिल स्थापित होने के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस क्षेत्र के किसानों की जबरदस्त भागीदारी होगी और यहाँ के किसान व मजदूर वर्ग के अलावा खासकर सभी वर्ग व समुदाय के बेरोजगार युवकों के चेहरों पर एक बार फिर से मुस्कान लौट आएगी।