ताजपुर पम्प नहर: किसानों को चिढ़ाता मुँह!
सारण (बिहार) संवाददाता वीरेश सिंह: माँझी में हरित क्रांति लाने के उद्देश्य से वर्षों पूर्व बिहार सरकार द्वारा माँझी में स्थापित बहू प्रशिक्षित पंप नहर योजना से स्थानीय किसानों का सपना ही बनकर रह गया है। अब यह मृतप्राय बन किसानों को मुँह चिढ़ा रहा है। पूर्व मंत्री गौतम सिंह के प्रयास से बिहार के तीन परियोजनाओं में शामिल पंप नहर को सारण के माँझी के ताजपुर में स्थापित कर दिया गया। साथ ही साथ पाइपलाइन भी बिछा दी गई। बावजूद इसके बिजली के अभाव में यह पम्प वर्षों तक बंद पड़ा हुआ है।
प्रयास के बावजूद भी बन्द!
पूर्व मंत्री के प्रयास से एकमा विद्युत केंद्र द्वारा परियोजना का विद्युत कनेक्शन भी कर दिया गया और साथ साथ पम्प नहर चालू भी कर दिया गया, लेकिन विभागीय अदूरदर्शिता के कारण बिछाई गई पाइप लाइन पानी का भार व वेग झेल नही सका और जगह जगह धारसायी हो गया। इस तरह से किसानों का सपना सपना ही रह गया।
शक्तिशाली है यह पम्प!
लगभग 25 करोड़ की लागत से स्थापित उक्त पंप नहर परियोजना से लाखो एकड़ कृषि योग्य भूमि को सिंचित किया जा सकता है। इस पंप नहर में पांच बड़े मोटर लगाए गए हैं, जिनमें चार मोटर को साथ-साथ चलाया जा सकता है।
क्या कहते है स्थानीय लोग?
स्थानीय लोगों ने बताया कि पाइप ध्वस्त होने के बाद जोर शोर से पाइप का रिपेरिंग भी किया गया। मगर सरकार की उदासीनता के कारण पम्प को चालू नही किया जा रहा है। आपको बता दें कि उक्त पंप के चालू होने के बाद माँझी व एकमा में संचालित गंडक नहर परियोजना से जुड़ी सभी किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिल सकेगा।