वट सावित्री पूजा पर बरगद के पेड़ में महिलाओं ने रक्षा सूत्र बांधकर अपने पति के दीर्घायु होने की कामना की!
सारण (बिहार) माँझी स्थानीय राम घाट सहित प्रखंड के विभिन्न स्थानों पर वट सावित्री पूजा के मौके पर बरगद के पेड़ में महिलाओं ने रक्षा सूत्र बांधकर अपने पति के दीर्घायु की कामना की। कुछ लोगों द्वारा यह पर्व शुक्ल और कृष्ण पक्ष में भी मनाया जाता है। यह व्रत सावित्री पूर्णिमा व्रत के रूप में भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो महिलाएं इस व्रत का पालन करती हैं वह अपने पति के लिए सौभाग्य और समृद्धि वापस लाने में सक्षम होती हैं। वट सावित्री पूजा विवाहिता महिलाओं द्वारा की जाती है। इसमें महिलाएं बरगद की पूजा करती हैं। यह त्योहार ज्येष्ठ माह की अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं बरगद के तना में रक्षा सूत्र के साथ 108 बार परिक्रमा करती हैं तथा सूत्र को बांधकर पति के ऊपर मंडरा रहे दुर्भाग्य के साये को बांध देती हैं। वट सावित्री व्रत में बरगद के पेड़ का विशेष महत्व माना जाता है।